नई दिल्ली. 7th Pay Commission, 7th CPC Latest News Today: 47 लाख कर्मचारी और 53 लाख पेंशनभोगी मिलाकर 1 करोड़ से ज्यादा केंद्र सरकार के कर्मचारियों को लाभ देने के लिए प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में केंद्रीय कैबिनेट ने 1 अप्रैल 2016 को सातवें वेतन आयोग को मंजूरी दे दी थी.
कैबिनेट ने वेतन और पेंशन लाभ के बकाया का भुगतान करने का भी फैसला किया था. ये भुगतान तुरंत प्रभाव से किया जाना था जबकि छठवें वेतन आयोग के दौरान कर्मचारियों को लगभग 32 महीने का इंतजार करना पड़ा था. सातवें वेतन आयोग के बारे में अब कर्मचारियों को कुछ अहम बातें ध्यान में रखनी होंगी.
– वेतन बैंड और ग्रेड वेतन की वर्तमान प्रणाली नए पे मैट्रिक्स पर आधारित है. इसे आयोग ने मंजूरी दी है. ग्रेड पे द्वारा निर्धारित कर्मचारी की स्थिति अब पे मैट्रिक्स में उनके स्तर द्वारा निर्धारित की जाएगी. सिविलियन, डिफेंस पर्सनेल और मिलिट्री नर्सिंग सर्विस के लिए अलग-अलग पे मैट्रिसेज तैयार किए गए हैं.
– सभी मौजूदा स्तरों को नई प्रणाली में रखा गया है. कोई नया स्तर ना जोड़ा गया ना कोई बदलाव किया गया है. जिम्मेदारी और जवाबदेही के आधार पर पे मैट्रिक्स के प्रत्येक स्तर में न्यूनतम वेतन निर्धारित किया है.
– न्यूनतम वेतन 7000 रुपये से 18000 रुपये बढ़ा दिया गया है. न्यूनतम स्तर पर एक नए भर्ती हुए कर्मचारी का वेतन अब 18000 रुपये से शुरू होता है.
– वेतन और पेंशन के पुनरीक्षण के उद्देश्य से 2.57 का एक फिटमेंट फैक्टर सभी स्तरों के वेतन मैट्रिसेस में लागू किया जाएगा.
– वेतन वृद्धि की दर को 3% पर बरकरार रखा गया है.
– ग्रेच्युटी सीमा 10 से 20 लाख रुपये बढ़ा दी गई है. जब भी डीए 50 प्रतिशत बढ़ेगा, तो ग्रेच्युटी की सीमा 25 प्रतिशत बढ़ जाएगी.
– कैबिनेट ने हाउस बिल्डिंग एडवांस की सीमा को 7.50 लाख से बढ़ाकर 25 लाख करने की आयोग की सिफारिश को भी मंजूरी दे दी.
– सातवें वेतन आयोग को लागू करने पर अतिरिक्त वित्तीय प्रभाव 1,02,100 करोड़ रुपये का पड़ा है.
7th Pay Commission: मार्च में इन सरकारी कर्मचारियों का बढ़ना था वेतन, नहीं हुआ कोई अहम फैसला
https://www.youtube.com/watch?v=k_n1LNP2oE0