नई दिल्ली, UPSC CSE Main exam यूपीएससी मेन की परीक्षा 7 जनवरी से 16 जनवरी तक आयोजित की जानी है. इस परीक्षा के सन्दर्भ में कुछ उम्मीदवारों ने मौजूदा हालत को देखते हुए हाईकोर्ट में इस परीक्षा को स्थगित करने की याचिका दायर की थी. जिसपर आज कोर्ट में सुनवाई हुई और अदालत ने यह फैसला किया कि वह इस मामले पर हस्तक्षेप नहीं करेगी और परीक्षा तय समय के अनुसार आयोजित की जाएगी।
यूपीएससी के वकील कौशिक ने कोर्ट में कहा कि पहले भी कोर्ट उम्मीदवारों की इस तरह की याचिका को ख़ारिज कर चूका है. आयोग ने इस परीक्षा के लिए सभी तैयारी कर ली है और ऐसे में परीक्षा को स्थगित करना सरकारी पैसों की बर्बादी समझा जाएगा। उन्होंने कहा पूरा देश तीन साल से इस महामारी से जूझ रहा और हम पहले ही कई गुना पीछे चल रहे है. परीक्षा पहले अक्टूबर और नवंबर में आयोजित की जानी थी लेकिन इसे अब जनवरी में आयोजित किया जा रहा है. आयोग पहले से ही परीक्षाओ को लेट आयोजित करा रहा है, ऐसे में अगर एकबार फिर इनमें देरी होती है तो आयोग सविधान द्वारा सौपे गए कार्यो को समय पर पूरा नहीं कर पाएगा और आधिकारिक कामो में रुकावट और देरी हो सकती है.
वहीँ याचिकर्ताओं की ओर से वकील अनुश्री कपाड़िया ने कहा कि ऐसा संभव है कि उम्मीदवार पेपर देते वक़्त इस वायरस के संक्रमण में आ जाए. वे बिना किसी सोशल डिस्टैन्सिंग के एक ही कमरे में बैठे होंगे, जो कोरोना के नियमो के खिलाफ है. साथ ही उन्होंने कहा कि UPSC ने इस पेपर के SIP नहीं बनाई और बिना किसी तैयारी के छात्रों की जिंदगी से खिलवाड़ किया जा रहा है. आयोग ने कोरोना से संक्रमित छात्रों के लिए 2 रूम हर सेंटर पर अलग से रखने के आदेश दिए है, जिसका मतलब है यदि छात्र में कोविड-19 के लक्षण दिखेंगे, तो उसे तब भी पेपर देना होगा। यह सब सविधान के खिलाफ है.
बता दें यूपीएससी प्रीलिम्स की परीक्षा में कुल 9 लाख उम्मीदवारों ने भाग लिया था, जिसमें से केवल 9 हजार उम्मीदवारों का चयन मेंस की परीक्षा के लिए हुआ है. यूपीएससी मेंस की परीक्षा 07, 08, 09, 15 और 16 जनवरी को आयोजित की जानी है.