नई दिल्ली. 2002 गुजरात नरोदा पाटिया नरसंहार के दोषी बाबू बजरंगी की जमानत याचिका सुप्रीम कोर्ट ने गुरुवार को मंजूर कर दी है. बाबू बजरंगी को जमानत स्वास्थ्य कारणों के आधार पर दी गई है. बाबू बजरंगी ने सुप्रीम कोर्ट में जमानत याचिका दी थी जिसमें कहा था कि वो शारीरिक रूप से ठीक नहीं है और बताया गया था कि कुछ ही समय पहले उनकी बाईपास सर्जरी हुई है. बता दें कि गुजरात सरकार ने इस याचिका का समर्थन करते हुए कहा था कि बाबू बजरंगी को स्वास्थ्य आधार पर जमानत दी जा सकती है.
सुप्रीम कोर्ट ने गुजरात सरकार से इस याचिका पर जवाब मांगा था और इसमें हलफनामा दायर करने के लिए एक हफ्ते का समय दिया था. दरअसल बाबू बजरंगी को एक विशेष अदालत ने अंतिम सांस तक कारावास यानि की मृत्यु पर्यंत आजीवन कारावास की सजा सुनाई थी. इसके बाद हाईकोर्ट ने बाबू बजरंगी को दोषी करार देने के बाद सजा घटा कर 21 साल कारावास कर दी थी. बाबू बजरंगी ने जमानत याचिका के साथ सुप्रीम कोर्ट में हाई कोर्ट के फैसले को भी चुनौती दी है.
सुप्रीम कोर्ट ने ये याचिका स्वीकार करते हुए कहा था कि सजा पर संदेह है. सजा का आदेश बहस का मुद्दा है. बता दें कि 28 फरवरी 2002 को गुजरात के अहमदाबाद स्थित नरोदा पाटिया क्षेत्र में कम से कम 97 मुस्लिम सांप्रदायिक दंगों के दौरान मारे गए थे. इस नरसंहार के लिए बजंरग दल के बाबू बजरंगी समेत कई लोगों को आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई थी. इस मामले में दोषी 4 लोगों को 21 जनवरी को सुप्रीम कोर्ट जमानत दे चुका है.
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