Inkhabar
  • होम
  • देश-प्रदेश
  • BJP को लेंगे साथ या कांग्रेस का थामेंगे हाथ? क्या होगा शिवसेना का अगला कदम

BJP को लेंगे साथ या कांग्रेस का थामेंगे हाथ? क्या होगा शिवसेना का अगला कदम

बीएमसी का शासन चलाने के लिए शिवसेना और बीजेपी के साथ आने पर अब भी सस्पेंस बना हुआ है. लेकिन आंकड़ों का गणित ऐसा है कि मजबूरी में शिवसेना और बीजेपी एक बार फिर हाथ मिला सकते हैं. मातोश्री पहुंचे नए पार्षदों से मिलते समय उद्धव के चेहरे पर जीत की खुशी नजर आई.

BMC Elections 2017 Results, Congress, devendra fadnavis, Shiv Sena, BJP, Municipal Commissioner, Uddhav Thackeray, Chief minister, MNS, NCP, Maharashtra, Mumbai mayor
inkhbar News
  • Last Updated: February 24, 2017 17:51:04 IST

मुंबई: बीएमसी का शासन चलाने के लिए शिवसेना और बीजेपी के साथ आने पर अब भी सस्पेंस बना हुआ है. लेकिन आंकड़ों का गणित ऐसा है कि मजबूरी में शिवसेना और बीजेपी एक बार फिर हाथ मिला सकते हैं. मातोश्री पहुंचे नए पार्षदों से मिलते समय उद्धव के चेहरे पर जीत की खुशी नजर आई. लेकिन इस जश्न के बीच मुद्दे की बात यही है कि बीएमसी में शासन चलाने के लिए ज़रूरी आंकड़ा कैसे पूरा होगा.

ये भी पढ़ें: BMC के इतिहास में पहली बार वोटिंग से होगा अगले मेयर का फैसला

बीजेपी ही हो सकती है भरोसेमंद 

227 सदस्यों वाली बीएमसी में जादुई आंकड़ा 114 का है. दो निर्दलियों के पार्टी में शामिल होने से शिवसेना का आंकड़ा 84 तक पहुंच गया. इसके बावजूद उसे अब भी 30 पार्षदों की ज़रूरत है. उद्धव के सामने कांग्रेस से हाथ मिलाने का विकल्प है. उनके सामने एनसीपी, एमएनएस और निर्दलियों का समर्थन लेने का विकल्प भी है. लेकिन 5 साल तक बीएमसी को चलाने के लिए सबसे भरोसेमंद साथ बीजेपी का ही हो सकता है.

ये भी पढ़ें: न सिर्फ मुंबई का मेयर बल्कि अगला मुख्यमंत्री भी शिवसेना का होगा: उद्धव ठाकरे

दोनों के बीच तल्खी नहीं हो रही है कम

राज्य में जहां फड़नवीस सरकार को शिवसेना का साथ लेना पड़ा है, उसी तरह शिवसेना को भी बीजेपी का साथ मजबूरी में लेना पड़ेगा. लेकिन दोनों के बीच तल्खी कम नहीं हो रही है. नतीजों के बाद भी शिवसेना की ओर से सामना में लिखा गया है कि लाख कोशिशों के बाद भी बीजेपी उसे हरा नहीं पाई.

ये भी पढ़ें: शिवसेना ने 84 वहीं BJP ने 82 सीटों पर जीत दर्ज की, 1 सीट का फैसला लॉटरी से हुआ

उद्धव कांग्रेस के साथ जाएंगे या बीजेपी के?

बीजेपी के लिए बीएमसी में सरकार बनाने का एक ही रास्ता है कि वो शिवसेना से हाथ मिला ले. लेकिन ये शिवसेना पर निर्भर करता है. जहां तक शिवसेना की बात है तो उसके  पास दो बड़े विकल्प हैं. एक तो ये कि वो बीजेपी से हाथ मिला ले और दूसरा ये कि बीजेपी को सत्ता से बाहर रखने के लिए कांग्रेस उसे बाहर से समर्थन कर दे. वैसे भी 2019 तक कांग्रेस और शिवसेना की सियासी दुश्मनी बीजेपी से ही है.

ये भी पढ़ें: BJP के पारदर्शिता के एजेंडे को मिला जनता का आशीर्वाद: फडणवीस

बीजेपी के कमजोर पड़ने पर ही शिवेसना या फिर कांग्रेस मजबूत हो सकती है. अगर उद्धव ये फैसला कर लेते हैं तो ये महाराष्ट्र की सियासत को बिहार और यूपी की तरह ही बदल सकता है. बिहार मे नीतीश कुमार ने बीजेपी को छोड़ लालू का हाथ थाम लिया. वहीं यूपी में अखिलेश ने कांग्रेस से गठबंधन कर लिया.

ये भी पढ़ें: मुंबई नगर निगम चुनाव: बहुमत से 30 सीटें पीछे रह गई शिवसेना, बड़ा सवाल- किसके साथ होगा गठबंधन

अंदर की बात

अंदर की बात ये है कि मुंबई महानगर पालिका में मेयर पद के लिए नवनिर्वाचित पार्षदों की खुली बैठक बुलाने से मामला दिलचस्प हो गया है. शिवसेना दावा कर रही है कि बीएमसी में मेयर उसी का होगा. तीन निर्दलीय पार्षदों के शिवसेना में आने से उसका दावा मजबूत भी हुआ है, लेकिन महाराष्ट्र की सरकार चला रही बीजेपी की नजर भी मेयर की कुर्सी पर है और सत्ताधारी पार्टी होने के नाते बीजेपी के लिए भी पार्षदों का समर्थन जुटाना असंभव नहीं है.

मेयर का चुनाव खुली बैठक में होने से अब दोनों पार्टियों के लिए बराबरी का मौका है. अगर शिवसेना और बीजेपी में तालमेल नहीं बैठा, तो मेयर के चुनाव में 31 पार्षदों वाली कांग्रेस की भूमिका महत्वपूर्ण हो जाएगी. शिवसेना इन दिनों कांग्रेस की जिस तरह तारीफ कर रही है, उसको देखते हुए बीएमसी में भी अगर यूपी जैसा बेमेल गठबंधन बन जाए, तो किसी को हैरानी नहीं होगी.

Tags