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संसद में GST समारोह का कांग्रेस ने कहा किया बहिष्कार, कहा- आजादी की गरिमा के खिलाफ

वस्तु एवं सेवा कर (GST) को लागू करने के लिए कांग्रेस 30 जून की आधी रात को संसद की विशेष बैठक के बहिष्कार की घोषणा की है. पार्टी द्वारा आयोजित एक प्रेस कांफ्रेंस में कांग्रेस के वरिष्ठ नेता गुलाम नबी आजाद ने कहा है कि आधी रात को संसद में जो भी कार्यक्रम हुए हैं वह आजादी से जुड़े हुए हैं

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  • Last Updated: June 29, 2017 11:59:02 IST
नई दिल्ली: वस्तु एवं सेवा कर (GST) को लागू करने के लिए कांग्रेस 30 जून की आधी रात को संसद की विशेष बैठक के बहिष्कार की घोषणा की है. पार्टी द्वारा आयोजित एक प्रेस कांफ्रेंस में कांग्रेस के वरिष्ठ नेता गुलाम नबी आजाद ने कहा है कि आधी रात को संसद में जो भी कार्यक्रम हुए हैं वह आजादी से जुड़े हुए हैं और जीएसटी को इस तरह लागू करना वह संसद की गरिमा के खिलाफ है.
 
आजाद ने कहा कि साल 1947 में आजादी, 1972 में आजादी की सिल्वर जुबली और 1997 में आजादी की गोल्डन जुबली के कार्यक्रम आधी रात को सेंट्रल हॉल में आयोजित हुए थे. कांग्रेस ने बीजेपी पर आरोप लगाते हुए कहा कि वह आजादी से जुड़े आंदोलन में शामिल नहीं हुए हैं इसलिए उन्हें आजादी का मोल नहीं पता, लेकिन विपक्ष और कांग्रेस आजादी का मोल जानती है. उसे उसकी अहमियत पता है.
 
 
आजाद ने मोदी सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि देश की जीडीपी में लगातार गिरावट आ रही है इस पर सरकार का कोई ध्यान नही है. तृणमूल कांग्रेस ने भी साफ कर दिया है कि पार्टी समारोह में हिस्सा नहीं लेगी. उन्होंने बताया कि पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह भी इस समारोह में हिस्सा नहीं लेंगे. यह इसलिए अहम है क्‍योंकि मंच पर पीएम और राष्‍ट्रपति के अलावा दो पूर्व प्रधानमंत्रियों को भी आमंत्रित किया गया था. 
 
 
उन्होंने कहा कि हर रोज कहीं न कहीं से किसानों की आत्महत्या की घटनाएं सामने आ रही हैं. किसानों की लगातार दुर्दशा हो रही है. देश के विभिन्न राज्यों में दलितों से बेदर्दी और अल्पसंख्यकों की हत्याएं हो रही हैं. उन्होंने आरोप लगाया कि इन पर न तो बीजेपी के मुख्यमंत्री ही कोई ऐक्शन लेते हैं न ही केंद्रीय सरकार. सरकार बहरी है. उनको लोगों की चीख पुकार सुनाई नहीं दे रही.
 
संसद के सेंट्रल हाल में आधी रात को आयोजन की अपनी एक गरिमा व महत्व रहा है. मोदी सरकार द्वारा टैक्सेशन कानून की तुलना देश की आजादी से करना आजादी जैसे महत्वपूर्ण आयोजन का अपमान है. मोदी सरकार के लिए GST का मतलब गुड्स ऐंड सर्विसेज टैक्स नहीं है. गुरुवार के जश्न से लगता है कि GST से उनका तात्पर्य ग्रैंड सेल्फप्रमोटिंग तमाशा है. यूपीए सरकार ने कई चीजें देश की जनता को दीं, जैसे आरटीआई, खाद्य सुरक्षा, आरटीई. लेकिन कभी भी जश्न नहीं मनाया.
 
 
बता दें कि संसद के सेंट्रल हाल में 30 जून की रात को 12 बजे महामहिम राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी घंटी बजा कर जीएसटी लागू होने की घोषणा करेगे. जीएसट लागू करने के लिए केंद्र सरकार ने 30 जून की रात को 10 बजे से  रात साढ़े 12 बजे तक  संसद के सेंट्रल हॉल में एक विशेष समारोह का आयोजन किया है जिसमें राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी, उप राष्ट्रपति हामिद अंसारी, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, लोकसभा स्पीकर सुमित्रा महाजन, वित्तमंत्री अरुण जेटली सहित सभी केंद्रीय मंत्री, दोनो सदनों के सभी सांसद और विपक्षी नेता भी मौजूद रहेंगे.
 
 
GST का मतलब गुड्स एंड सर्विसेज टैक्‍स है, जीएसटी पूरे देश के लिए इनडायरेक्‍ट टैक्‍स है, जो भारत को एक समान बाजार बनाएगा. जीएसटी लागू होने पर सभी राज्यों में लगभग सभी गुड्स एक ही कीमत पर मिलेंगे.

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