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डोकलाम विवाद के बीच चीनी सैनिकों के 300 जवानों ने की उत्तराखंड में घुसपैठ

डोकलाम पर भारत और चीन की तनातनी के बीच ऐसी खबर है कि चीन उत्तराखंड में भी चोरी-चोरी घुस आया था. बताया जा रहा है कि 26 जुलाई को चीनी सेना के जवान उत्तराखंड के चमोली जिले में करीब 200 से 300 मीटर अंदर तक घुस आए और करीब 2 घंटे तक भारतीय सीमा के अंदर डटे रहे.

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  • Last Updated: July 31, 2017 15:59:37 IST
नई दिल्ली: डोकलाम पर भारत और चीन की तनातनी के बीच ऐसी खबर है कि चीन उत्तराखंड में भी चोरी-चोरी घुस आया था. बताया जा रहा है कि 26 जुलाई को चीनी सेना के जवान उत्तराखंड के चमोली जिले में करीब 200 से 300 मीटर अंदर तक घुस आए और करीब 2 घंटे तक भारतीय सीमा के अंदर डटे रहे.
 
चीनी सेना के करीब 300 जवान थे शामिल
हालांकि बाद में भारतीय जवानों के विरोध के बाद चीन की सेना को वापस लौटना पड़ा. घुसपैठ की ये कोशिश 26 जुलाई की सुबह साढ़े आठ बजे से साढ़े नौ बजे के बीच की गई. बताया जा रहा है कि इस कोशिश में चीनी सेना के करीब 300 जवान शामिल थे.
 
 
बारहोती में घुसे थे सैनिक
उत्तराखंड का चमोली जिला चीन की सीमा से सटा हुआ है. चमोली का आखिरी गांव बाराहोती है. बताया जा रहा है कि यहीं से चीन की सीमा शुरू हो जाती है. इसी जगह पर चीनी सेना के जवान सीमा पार करके भारतीय इलाके में घुस आए थे.
 
पिछले साल भी हुई थी घुसपैठ की कोशिश 
उत्तराखंड में चीन के घुस आने की घटना इससे पहले भी कई बार हो चुकी है. पिछले साल जुलाई महीने में भी चीनी सैनिक चमोली के बाराहोती में घुस आए थे. तब चीनी सैनिकों ने यहां कई पत्थरों पर CHINA लिख दिया था. पिछले ही साल जून महीने में यहां पीएलए के हेलिकॉप्टर्स भारतीय सीमा में करीब पांच मिनट तक उड़ान भरते दिखे थे.
 
 
बार-बार उत्तराखंड में क्यों घुसता है चीन ? 
चमोली जिले में चीनी घुसपैठ के पीछे की बड़ी वजह बाराहोती का इलाका है. 80 स्क्वायर किलोमीटर के बाराहोती इलाके पर चीन अपना दावा करता रहा है. 1958 में भारत और चीन ने बाराहोती को विवादित इलाका घोषित किया था. समझौते के मुताबिक दोनों में से कोई भी देश यहां अपनी सेना नहीं भेजेगा. इसी वजह से बाराहोती में ITBP के जवान सादी वर्दी में बिना किसी हथियार के तैनात रहते हैं.

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