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तुर्की-सीरिया में भूकंप से 4800 मौतें, इमारतों के मलबों से लाशें मिलना जारी

नई दिल्ली। तुर्की और सीरिया में आज सुबह फिर से भूकंप के तेज झटके महसूस किए गए। वहीं, अभी तक 243 आफ्टरशॉक्स भी दर्ज किए जा चुके हैं। भूकंप की वजह से दोनों देशों में अब तक 4800 से ज्यादा लोगों की मौत हो चुकी है। तुर्की और सीरिया के कई शहर तबाह हो चुके […]

(तुर्की-सीरिया में भूकंप का तांडव)
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  • Last Updated: February 7, 2023 14:17:09 IST

नई दिल्ली। तुर्की और सीरिया में आज सुबह फिर से भूकंप के तेज झटके महसूस किए गए। वहीं, अभी तक 243 आफ्टरशॉक्स भी दर्ज किए जा चुके हैं। भूकंप की वजह से दोनों देशों में अब तक 4800 से ज्यादा लोगों की मौत हो चुकी है। तुर्की और सीरिया के कई शहर तबाह हो चुके हैं। 7 हजार से ज्यादा इमारतें धराशायी हो चुकी हैं।

सुबह से अब तक मिली 2500 लाशें

बता दें कि आज सुबह से दोनों देशों में 2500 लाशें मिली हैं। अभी भी लाशों के मिलने का सिलसिला जारी है। जहां तुर्की में अभी तक इस विनाशकारी भूकंप से 3,381 लोगों की मौत हो चुकी है, वहीं सीरिया में 1,444 लोगों की जान गई है। दोनों देशों में 20,000 से ज्यादा लोग भूकंप की वजह से घायल हुए हैं। राहत और बचान दल अभी भी बड़ी-बड़ी इमारतों के मलबों के नीचे जिंदगियां तलाश रहे हैं। बताया जा रहा है कि अभी मरने वालों की संख्या में काफी इजाफा हो सकता है।

तुर्की के इन शहरों में ज्यादा तबाही

बता दें कि इस शक्तिशाली भूकंप से तुर्की के अंकारा, गाजियांटेप, कहरामनमारस, डियर्बकिर और नूरदगी शहर समेत 10 शहरों में भारी तबाही हुई है। खबरों के मुताबिक तुर्की में कुल 1,710 से ज्यादा बिल्डिंग गिरी है। कई लोग अभी मलबे के नीचे दबे हैं। फिलहाल लोगों को बचाने के लिए रेस्क्यू ऑपरेशन जारी है।

गाजियांटेप शहर था भूकंप का केंद्र

इस भूकंप का केंद्र तुर्की का गाजियांटेप शहर था। यह शहर सीरिया बॉर्डर से करीब 90 किलोमीटर दूर है। इसी वजह से सीरिया में भी भूकंप से काफी तबाही हुई है। सीरिया के दमिश्क, अलेप्पो, हमा, लताकिया समेत कई शहरों में भूकंप की वजह से इमारतें गिरने की खबर है।

एक हफ्ते तक स्कूल-कॉलेज बंद

तुर्की के उपराष्ट्रपति फुआत ओक्ते के दफ्तर की तरफ से जारी एक बयान के मुताबिक देश के 10 शहरों में इमरजेंसी और रेड अलर्ट जारी रहेगा। एक हफ्ते तक सभी स्कूल-कॉलेज बंद रहेंगे। 200 से ज्यादा फ्लाइट्स को रद्द कर दिया गया है। मिलिट्री के लिए एयर कॉरिडोर बनाया जा रहा है, जिसमें सिर्फ एयरक्राफ्ट को लैंड और टेकऑफ करने की मंजूरी दी जाएगी।

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