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सेना में शामिल हुईं शहीद की पत्नी, कहा- वर्दी ही था उनका पहला प्यार

' मौत की मंडियों में जा-जाकर अपने बेटों की बोलियां दी हैं, देश ने जब भी एक सिर मांगा, हमने भर-भरकर झोलियां दी हैं...' इस कहावत को जब लिखा गया था तब शायद इस बात का अंदाजा नहीं था कि एक दिन ऐसा आएगा जब देश की महिलाएं भी देश की आन-बान और शान के लिए बलिदान देने से पीछे नहीं हटेंगी.

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  • Last Updated: September 9, 2017 09:02:18 IST
 
नई दिल्ली: ‘ मौत की मंडियों में जा-जाकर अपने बेटों की बोलियां दी हैं, देश ने जब भी एक सिर मांगा, हमने भर-भरकर झोलियां दी हैं…’ इस कहावत को जब लिखा गया था तब शायद इस बात का अंदाजा नहीं था कि एक दिन ऐसा आएगा जब देश की महिलाएं भी देश की आन-बान और शान के लिए बलिदान देने से पीछे नहीं हटेंगी. 
 
जरा सोचिए जिस महिला का पति अपना फर्ज निभाते हुए शहीद हुआ हो उसपर क्या गुजरी होगी, लेकिन फौजियों की पत्नियां भी उन्हीं की तरह बुलंद इरादों और हिम्मत से लबरेज होती हैं. ऐसी ही दो महिला ऑफिसर आज भारतीय सेना में शामिल हुई हैं जिनके पति शहादत दे चुके हैं और अब ये वीरांगनाएं फोर्स में शामिल होकर दुश्मनों से अपने पति की मौत का बदला लेने के लिए आतुर हैं. 
 
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ये दो वीरागंनाएं है चेन्नई लेडी कैडेट की लैडी कैडर शेडगे स्वाति बबनराव और लैडी कैडर निधि दुबे जो शनिवार को पासिंग आउट परेड में हिस्सा लेंगी. स्वाति बबनराव के पति कर्नल संतोष महादिक जम्मू कश्मीर में शहीद हुए थे जबकि निधि दुबे के पति नाइक मुकेश कुमार भी जम्मू-कश्मीर में आतंकियों से लोहा लेते हुए शहीद हुए थे.
 
पासिंग आउट परेड़ के बाद शरीद कर्नल महादिक की पत्नी और लेफ्टिनेंट स्वाति बबनराव ने कहा कि कर्नल महादिक का पहला प्यार उनकी वर्दी और उनकी युनिट थी, इसलिए मुझे ये पहनना ही था.
 
 

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