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गुरदासपुर उप-चुनाव: आखिर कौन हैं ये सुनील जाखड़ जिन्होंने BJP के गढ़ में सेंध लगा दी

  चंडीगढ़. पंजाब की गुरदासपुर लोकसभा सीट के लिए हुए उप-चुनाव में कांग्रेस ने बीजेपी को बड़े अंतर से हरा दिया है. कांग्रेस कैंडिडेट सुनील जाखड़ ने 1,93,219 वोट से जीत दर्ज कर बीजेपी कैंडिडेट स्वर्ण सलारिया को हरा दिया है. कांग्रेस कैंडिडेट सुनील जाखड़ को कुल 4,99,752 वोट मिले. वहीं. बीजेपी कैंडिडेट स्वर्ण सलारिया […]

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  • Last Updated: October 15, 2017 09:53:21 IST
 
चंडीगढ़. पंजाब की गुरदासपुर लोकसभा सीट के लिए हुए उप-चुनाव में कांग्रेस ने बीजेपी को बड़े अंतर से हरा दिया है. कांग्रेस कैंडिडेट सुनील जाखड़ ने 1,93,219 वोट से जीत दर्ज कर बीजेपी कैंडिडेट स्वर्ण सलारिया को हरा दिया है. कांग्रेस कैंडिडेट सुनील जाखड़ को कुल 4,99,752 वोट मिले. वहीं. बीजेपी कैंडिडेट स्वर्ण सलारिया को 3,06,533 मिले. साथ ही आम आदमी पार्टी के उम्मीदवार सुरेश खजुरिया को महज 23,579 वोटों से संतोष करना पड़ा. 
 
सुनील जाखड़ काउंटिंग के शुरू होते ही बढ़त की रेस में ऐसे आगे रहें कि वो सिलसिला जीत के बाद ही थमा. अब सबके मन में सवाल उठता होगा कि आखिर ये सुनील जाखड़ कौन हैं जो दिवंगत नेता और अभिनेता विनोद खन्ना के निधन के बाद खाली सीट को बीजेपी के पाले से उड़ा ले गये. आखिर कौन हैं ये सुनील जाखड़ जिन्होंने बीजेपी के गढ़ में सेंध लगा दी और भाजपा के गढ़ में अपनी जीत का पताका लहरा दिया.
 
सबसे पहले बता दें कि 63 साल के सुनील जाखड़ कांग्रेस से दिग्गज नेता हैं, जो पंजाब में कांग्रेस के प्रदेश-अध्यक्ष भी हैं. वे पहली बार 2002 में पंजाब के अबोहर क्षेत्र से विधानसभा सदस्य चुने गए थे. उन्होंने 2007 और 2017 में इसी विधानसभा सीट से चुनाव लड़ा और जीत हासिल किया. बता दें कि गुरदासपुर के लिए सुनील नये नहीं हैं. 
 
सुनील जाखड़ की गिनती पंजाब के तेजतर्रार नेताओं में होती है. सुनील जाखड़ पूर्व लोकसभा अध्यक्ष एवं केंद्रीय मंत्री डॉ. बलराम जाखड़ के पुत्र हैं और किसान नेता माने जाते हैं. इतना ही नहीं, सुनील जाखड़ सोशल मीडिया पर एक्टिव रहने वाले नेताओं में भी शामिल होते हैं. 
 
हालांकि, ये बात सही है कि सुनील जाखड़ को अपने पिता के नाम और काम का राजनीतिक फायदा मिलता रहा है. पंजाब के फजिलका जिले के पंचकोसी गांव (अबोहर) में 9 परवरी 1954 को जन्मे जाखड़ ने 1977 में कुरुक्षेत्र यूनिवर्सिटी से एमबीए की पढ़ाई की है. उनकी शुरुआती पढ़ाई अबोहर से हुई है. इसके बाद गवर्ममेंट कॉलेज चंडीगढ़ में उन्होंने पढ़ाई की.
 
सुनील जाखड़ की राजनीतिक काबलियत का अंदाजा आप इसी बात से लगा सकते हैं कि जब पंजाब में कैप्टन अमरिंदर सिंह के मुख्यमंत्री बने और पंजाब कांग्रेस चीफ की सीट खाली हुई, तो सबसे पहले सुनील का ही नाम आगे आया और उन्हें पंजाब कांग्रेस का चीफ बनाया गया. मई में पार्टी चीफ बनने वाले जाखड़ ने बीजेपी को हरा कर कांग्रेस की उम्मीदों को एक बार फिर से जिंदा किया है. बता दें कि जाखड़ इससे पहले कांग्रेस के प्रवक्ता और उपाध्यक्ष भी रह चुके हैं. 
 
मई में पार्टी ने जाखड़ को कांग्रेस का पंजाब प्रदेश अध्यक्ष बना दिया. इससे पहले वे पंजाब कांग्रेस उपाध्यक्ष और मुख्य प्रवक्ता रहे हैं. वह कैप्टन अमरिंदर सिंह के करीबी माने जाते हैं. सिख बहुल प्रदेश में कांग्रेस आलाकमान ने जाखड़ के रूप में हिंदू चेहरा दिया. इसके जरिए कई संदेश दिए गए.
 
बता दें कि जाखड़ की जीत पर कई नेताओं ने अच्छी प्रतिक्रिया दी है. साथ ही जाखड़ ने खुद भी कहा कि लोगों ने मोदी सरकार की द्वेष वाली नीतियों को नकार दिया है. इसके लिए उन्होंने वोटर का धन्यवाद ज्ञापन भी किया. 
 
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