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सुप्रीम कोर्ट ने लंबित आपराधिक मामलों का तय समय में निपटारे को लेकर अटॉनी जरनल से मांगी राय

लंबित आपराधिक मामलों का तय सीमा के भीतर निपटारे को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने अटॉनी जरनल के के वेणुगोपाल को अदालत की सहायता करने को कहा है.

Supreme Court, Attorney General, Criminal cases
inkhbar News
  • Last Updated: October 30, 2017 04:41:23 IST
नई दिल्ली. लंबित आपराधिक मामलों का तय सीमा के भीतर निपटारे को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने अटॉनी जरनल के के वेणुगोपाल को अदालत की सहायता करने को कहा है. सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले में वरिष्ट वकील ध्रुव मेहता को एमिकस नियुक्त किया है. सुप्रीम कोर्ट ने ये आदेश झारखंड के एक मामले में दिया है. याचिकाकर्ता को निचली अदालत ने दोषी माना था और उम्र क़ैद की सज़ा सुनाई थी. याचिकाकर्ता ने झारखंड हाई कोर्ट के फ़ैसले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी है और मामले के निपटारे में देरी के आधार पर जमानत की मांग की है. सुप्रीम कोर्ट ने हाईकोर्ट को कहा है कि याचिकाकर्ता की याचिका पर तेजी से सुनवाई कर मामले का निपटारा करे. उम्र क़ैद की सज़ा काट रहे याचिकाकर्ता ने निचली अदालत के फैसले को हाईकोर्ट में चुनौती दी है. 
 
हालांकि सुप्रीम कोर्ट ने अपने आदेश में कहा कि हाईकोर्ट ने अपने फ़ैसले में कहा है कि उम्र क़ैद की सज़ा पाए दोषी की याचिका पर जल्द इस लिए नही सुनवाई हो सकती क्योंकि ऐसे मामले पहले से लंबित है जिसमें दोषी ने 13 साल से ज्यादा की सज़ा जेल में काट चुके है और उनकी निचली अदालत के खिलाफ याचिका हाई कोर्ट में लंबित है.
 
सुप्रीम कोर्ट ने कहा ऐसे मामले केवल झारखंड हाई कोर्ट में लंबित नही है, देश की अगल अलग हाई कोर्ट में ऐसी याचिकाएं लंबित है जिसमें दोषी 10 साल से ज्यादा की सज़ा काट चुका है. सुप्रीम कोर्ट ने अपने आदेश में कहा कि संविधान के मौलिक अधिकारों में तेज़ी से न्याय मिलने की बात भी कही गई है, अगर याचिकाओं पर जल्द निपटारा नही होता तो फिर ये मौलिक अधिकार बेमानी हो जायेगा.

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