Inkhabar
  • होम
  • देश-प्रदेश
  • Ayodhya Case Molding of Relief Muslim Party Statement: अयोध्या केस में हिंदू पक्षकारों के विरोध के बाद मुस्लिम पक्ष ने हलफनामे में दाखिल किया जवाब, लिखा- सुप्रीम कोर्ट का फैसला संविधान में यकीन रखने वाले करोड़ों लोगों पर प्रभाव डालेगा

Ayodhya Case Molding of Relief Muslim Party Statement: अयोध्या केस में हिंदू पक्षकारों के विरोध के बाद मुस्लिम पक्ष ने हलफनामे में दाखिल किया जवाब, लिखा- सुप्रीम कोर्ट का फैसला संविधान में यकीन रखने वाले करोड़ों लोगों पर प्रभाव डालेगा

Ayodhya Case Molding of Relief Muslim Party Statement, Supreme Court me Hindu Paksh ke Virodh ke baad Muslum Paksh ka Affidavit par Jawaab: अयोध्या केस में हिंदू पक्ष के विरोध के बाद मुस्लिम पक्ष ने सुप्रीम कोर्ट में मोल्डिंग ऑफ रिलीफ पर अपना जवाब हलफनामे में दाखिल किया है. अपने जवाब में मुस्लिम पक्ष ने कहा है कि अयोध्या राम मंदिर बाबरी मस्जिद जमीन विवाद मामले पर सुप्रीम कोर्ट का फैसला देश के संविधान में यकीन रखने वाले करोड़ों लोगों पर प्रभाव डालेगा. इससे पहले सुन्नी सेंट्रल वक्फ बोर्ड ने मोल्डिंग ऑफ रिलीफ पर अपना जवाब सीलबंद लिफाफे में दाखिल किया था जिस पर रामलला विराजमान और हिंदू महासभा ने आपत्ति जताई थी.

Sri Aurobindo Ashram New Letter In Ayodhya Ram Mandir Babri Case
inkhbar News
  • Last Updated: October 20, 2019 14:26:54 IST

नई दिल्ली. अयोध्या राम मंदिर बाबरी मस्जिद जमीन विवाद मामले में सभी पक्षकारों ने मोल्डिंग ऑफ रिलीफ पर शनिवार को जवाब दाखिल किया. मगर सुन्नी सेंट्रल वक्फ बोर्ड के सीलबंद लिफाफे में मोल्डिंग ऑफ रिलीफ पर जवाब देने पर हिंदू पक्षकारों ने आपत्ति जताई और सुप्रीम कोर्ट से इसे खारिज करने की मांग की. हिंदू पक्ष के विरोध के बाद मुस्लिम पक्ष ने अब अपना जवाब हलफनामे के जरिए सुप्रीम कोर्ट में दाखिल किया है. मुस्लिम पक्ष ने मोल्डिंग ऑफ रिलीफ पर अपने नोट में कहा है कि अदालत का जो भी फैसला होगा वो देश के भविष्य और आने वाली पीढ़ियों की सोच पर असर डालेगा. यह फैसला देश की आजादी और गणराज्य के बाद संवैधानिक मूल्यों में यकीन रखने वाले करोड़ों नागरिकों पर भी प्रभाव डालेगा.

अयोध्या केस में मोल्डिंग ऑफ रिलीफ पर जवाब देते हुए मुस्लिम पक्ष ने बताया चूंकि फैसले की घड़ी आ पहुंची है तो कोर्ट फैसला देते समय सभी पक्षों की दलील, सबूत औए दस्तावेजों के साथ इन प्रभावों का भी ध्यान रखे.

मुस्लिम पक्षकारों ने अपने नोट में उम्मीद जताई है कि मोल्डिंग ऑफ रिलीफ के जरिए भी कोर्ट इस महान देश के ऐतिहासिक, सामाजिक और सांस्कृतिक विरासत का भी ध्यान रखेगा. ताकि हमारी सदियों पुरानी गौरवशाली साझा विरासत और बहुलतावादी सामंजस्यवादी संस्कृति बनी रहे.

मुस्लिम पक्ष ने अपने नोट के आखिर में लिखा है कि मोल्डिंग ऑफ रिलीफ के जरिए हमारा संविधान इन्हीं मूल्यों को बचाए और बनाए रखने की जिम्मेदारी भी कोर्ट को ही सौंपता है.

वहीं दूसरी तरफ शिया वक्फ बोर्ड ने मोल्डिंग ऑफ रिलीफ पर अपने जवाब में कहा कि इलाहाबाद हाई कोर्ट ने अपने पूर्व के फैसले में अयोध्या की विवादित जमीन का हिस्सा जो सुन्नी वक्फ बोर्ड को दिया था, उसे भी राम मंदिर निर्माण के लिए दे दे.

इसके अलावा रामलला विराजमान, हिंदू महासभा, राम जन्मभूमि पुनरुद्धार समिति, गोपाल सिंह विशारद, निर्मोही अखाड़ा समेत सभी अन्य पक्षकारों ने अयोध्या में विवादित जमीन पर राम मंदिर बनने की बात कही. हालांकि जमीन बंटवारे को लेकर सभी पक्षों के मत अलग-अलग दिखे.

अयोध्या मामले में सभी पक्षकारों ने मोल्डिंग ऑफ रिलीफ पर सुप्रीम कोर्ट में क्या जवाब दाखिल किया, यह नीचे दिए गए लिंक पर क्लिक कर आप विस्तार से पढ़ सकते हैं-

अयोध्या मामले पर सुप्रीम कोर्ट में मोल्डिंग ऑफ रिलीफ पर किस पक्षकार ने क्या कहा, पढ़ें पूरा अपडेट

Also Read ये भी पढ़ें-

क्या होता है मोल्डिंग ऑफ रिलीफ, जिस पर सुप्रीम कोर्ट ने अयोध्या केस में सभी पक्षों से जवाब मांगा

 अयोध्या राम जन्मभूमि बाबरी विवाद में श्री अरबिंदो आश्रम की पेशकश- विवादित स्थल से सटी अपनी तीन एकड़ जमीन राष्ट्रहित में देंगे दान, अगर बातचीत से हो विवाद का निपटारा

Tags