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बिहार: बैल की जगह बेटों को लगाकर खेत जोतने को मजबूर किसान

बिहार के छपरा में एक किसान अपने बेटों को हल में लगाकर खेत जोतने को मजबूर है. किसान ने बताया कि वह भुखमरी के कगार पर है और उसके पास कुछ नहीं है. किसान के पास बैल खरीदने तक के लिए पैसे नहीं है. बालूबंदी के बाद से उसका परिवार तबाह हो गया है. ऐसी झकझोर देने वाली घटनाएं आए दिन सामने आती रहती हैं.

farmer use sons in place of ox
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  • Last Updated: August 4, 2018 16:07:08 IST

पटना. भले ही किसानों की बेहतरी को लेकर सरकारी दावे कुछ भी कहते हों लेकिन असल जिंदगी में अन्नदाता बेहाल है. बिहार से एक ऐसा ही मामला आया है जहां किसान हल में बैलों के बजाय अपने बेटों को लगाकर खेत जोत रहा है. मामला बिहार के छपरा जिले का है जहां एक किसान परिवार भारी आर्थिक संकट से जूझ रहा है. इस परिवार पर वित्तीय संकट ऐसा है कि उसके पास खेत जुतवाने तक के लिए पैसे नहीं हैं. हल में जुते बेटों और किसान का फोटो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे हैं जो कि इस परिवार की दुर्दशा की कहानी कहते हैं.

इस मामले पर न्यूज 18 ने मखदमपुर के किसान जवाहर राय से बात की तो उनकी आंखों में आंसू भर आए. उन्होंने बेटों को हल में जोतने का कारण पूछने पर कहा कि बैल खरीदने की उनकी औकात नहीं है. इसीलिए अपने बेटों को हल में जोतकर खेत जोत रहे हैं. उन्होंने कहा कि हमारे पास कुछ नहीं बचा है. पहले वह अपने बेटों के साथ मिलकर नाव से बालू लाकर अपना जीवन यापन करते थे. लेकिन अब वह भी बंद हो गया है. उनके पास खाने तक के लाले पड़े हुए हैं.

जब उनसे ट्रैक्टर से खेत जुतवाने के बारे में कहा गया तो उन्होंने कहा कि सभी अपने खेतों में व्यस्त हैं. वहीं खेत की नमी कम होती जा रही थी. इसीलिए उन्होंने अपने बेटों को हल में लगाकर खेत जोतना मुनासिब समझा. जवाहर राय खेत में मकई बो रहे हैं. बेटों के पीछे उनकी पत्नी लीलावती मक्के का बीज बो रही हैं. जवाहर के पास 10 कट्ठा जमीन है. जिसमें फसल उगाकर वे जीवन यापन कर रहे हैं. ट्रैक्टर नहीं मिलने के कारण उन्होंने अपने बेटों अमर और रंजीत को ही हल में जोत दिया.

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