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Assam-Meghalaya Clash: असम मेघालय सीमा विवाद पर बड़ी बैठक, गृह मंत्री ने दोनों राज्यों के मुख्यमंत्री संग की विवादित मुद्दों पर चर्चा

Assam-Meghalaya Clash नई दिल्ली . Assam-Meghalaya Clash  मेघालय और असम के बीच करीब 5 दशक से चल रहे सिमा विवाद को लेकर आज गृह मंत्री अमित शाह के आवास पर बैठक हुई. इस बैठक में असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा और मेघालय के मुख्यमंत्री कोनराड संगमा मौजूद रहे. दोनों ने गृह मंत्री के समाने […]

Assam-Meghalaya Clash
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  • Last Updated: January 20, 2022 21:21:02 IST

Assam-Meghalaya Clash

नई दिल्ली . Assam-Meghalaya Clash  मेघालय और असम के बीच करीब 5 दशक से चल रहे सिमा विवाद को लेकर आज गृह मंत्री अमित शाह के आवास पर बैठक हुई. इस बैठक में असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा और मेघालय के मुख्यमंत्री कोनराड संगमा मौजूद रहे. दोनों ने गृह मंत्री के समाने अपने-अपने पक्ष को रखा, जिसके बाद सभी मुद्दों पर चर्चा की गई और 26 जनवरी के बाद फिर से बैठक करने पर सहमति बनी . असम के सीएम हिमंत बिस्वा सरमा ने बैठक के बाद बताया कि गृह मंत्री ने सभी पहलू को सुना है और अब 26 जनवरी के बाद फिर सभी अधिकारीयों के साथ इस बातचीत को आगे बढ़ाया जाने पर सहमति बनी हैं। दोनों ही राज्यों ने गृह मंत्री को अपनी रिपोर्ट दी है, जिसपर मंत्रालय जांच करके आगे की बातचीत पर विचार करेगा।

बता दें असम और मेघालय ने दोनों राज्यों के बीच 5 दशक से चल रहे सिमा विवाद को खत्म करने के लिए Give-and-take फॉर्मूले को मंजूरी दे दी है. जिसके तहत 12 विवादित क्षेत्रों में से पहले छह क्षेत्रों का समाधान किया जाएगा, जिसके बाद बचे क्षेत्रों पर काम किया जाएगा। इन क्षेत्रों में सीमांकन को संसद सत्र के बाद किए जाने की उम्मीद है, जबकि जरुरी क्षेत्रों के निरीक्षण के लिए सर्वे ऑफ इंडिया को भी लगाया जाएगा.

6 क्षेत्र

हाहिम
गिज़ांग
ताराबारी
बोकलापारा
खानापारा-पिलिंगकाटा
रातचेरा

 

5 दशक पुराना है विवाद

मेघालय को 1972 में असम से अलग कर एक अलग राज्य का दर्जा दिया गया था. पिछले कुछ वर्षों में दोनों राज्यों में सीमावर्ती क्षेत्रों पर रहने वाले लोगों के बीच हिंसक झड़प हुई हैं, जिसमें कई लोगों की जान गई थी. मेघालय का कहना है कि असम में 12 ऐसे इलाके है जो उसके होने चाहिए। दोनों राज्यों ने एक नीति अपना रखी है, जिसके तहत कोई भी राज्य दूसरे राज्य को बताए बिना विवादित इलाकों में विकास योजनाएं शुरू नहीं कर सकता. इसके लिए पहले राज्य कोअनुमति लेनी होनी, जिसके बाद ही आगे का कार्य राज्य करता है।

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