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अयोध्या राम मंदिर पर टूट रहा साधु-संतों का धैर्य, महंत नृत्य गोपालदास के जन्मदिन पर CM योगी को मंच से सुनाई खरी-खोटी

अयोध्या राम मंदिर: सोमवार को महंत नृत्य गोपालदास का जन्मदिन था. इस मौके पर सीएम योगी आदित्यनाथ साधु-संतों के संत समागम में पहुंचे. इस दौरान अयोध्या में राम मंदिर के निर्माण में हो रही देरी को लेकर उन्हें साधु-संतों के गुस्से का सामना करना पड़ा.

Uttar Pradesh Yogi Adityanath government to invest rupees 300 hundred crores ayodhya ram statue
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  • Last Updated: June 26, 2018 00:02:56 IST

लखनऊः उत्तर प्रदेश में आज मौका था महंत नृत्य गोपाल दास के जन्मदिवस का और सूबे के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ आज इस मौके पर अपनों के बीच थे. दरअसल साधु-संतों के बीच से निकलकर सत्ता की परिधि में पहुंचे सीएम योगी आज अपनों के ही गुस्से का शिकार हो गए और ऐसा हुआ अयोध्या में राम मंदिर के निर्माण से जुड़े सवाल पर. संत समागम में मंच से संतों ने सीएम को मंदिर निर्माण में देरी के लिए खरी-खोटी सुनाई. इतना ही नहीं, संतों ने दबी जुबान में सीएम को चेतावनी भी दे डाली.

इंडिया टुडे ग्रुप की खबर के अनुसार, रामजन्म भूमि न्यास के सदस्य रामविलास वेदांती ने सीएम योगी को उनका एक पुराना बयान याद दिलाया. उन्होंने कहा, ‘योगी आदित्यनाथ ने एक बार कहा था कि अगर वो कभी मुख्यमंत्री बने तो राम मंदिर का निर्माण कराकर ही दम लेंगे. अब मीडिया हमसे सवाल करने लगा है. हमसे मंदिर निर्माण की तारीख पूछी जा रही है. अगर सरकार कोई कदम नहीं उठाती है तो 2019 से पहले संत समाज को खुद मंदिर निर्माण के लिए आगे आना होगा.’

कन्हैया दास ने चेतावनी भरे लहजे का इस्तेमाल करते हुए अपने संबोधन में कहा कि अब संतों का मुंह बिल्ली जैसा होता जा रहा है जो अपने मुंह से अपने बच्चों को बचाकर भी ले जाती है और वक्त पड़ने पर उसी मुंह से शिकार भी कर लेती है. उन्होंने आगे कहा, ‘भले ही योगी जी और मोदी जी की अंतरात्मा ना जग रही हो लेकिन करोड़ों हिंदुओं की अंतरात्मा अब जाग चुकी है. अब ऐसा जान पड़ता है कि मंदिर बनाने की जिम्मेदारी साधु-संतों को ही उठानी पड़ेगी.’

संतों के संबोधन के बाद सीएम योगी ने मंच संभाला और कहा कि उनकी भावना कभी भी संतों की भावना से अलग नहीं हो सकती. सीएम ने कहा कि मंदिर निर्माण के लिए संत समाज को थोड़ा धैर्य रखना होगा क्योंकि इसका हल न्यायपालिका, कार्यपालिका और व्यवस्थापिका जैसी लोकतांत्रिक संस्थाओं के बगैर नहीं निकल सकता. इस दौरान उन्होंने बेहद नरम भाव से संतों को धैर्य के साथ-साथ शब्दों की मर्यादा का भी ख्याल रखने की नसीहत दे डाली.

बता दें कि करीब दो हफ्ते पहले भी राम मंदिर निर्माण को लेकर संत समाज ने लखनऊ में सीएम योगी से मुलाकात की थी. सीएम योगी ने संतों को जल्द मंदिर निर्माण का भरोसा दिलाया था. बहरहाल 2019 में होने वाले लोकसभा चुनाव में राम मंदिर निर्माण का मुद्दा बीजेपी के गले की फांस बन सकता है क्योंकि विपक्ष इस मुद्दे पर केंद्र और यूपी सरकार को घेर रहा है. दूसरी ओर विश्व हिंदू परिषद (वीएचपी) के पूर्व अंतरराष्ट्रीय अध्यक्ष प्रवीण तोगड़िया संतों की भावनाओं को हवा देने के लिए मंगलवार को उनसे मिलने पहुंच रहे हैं.

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