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उत्तर प्रदेश: राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के तहत भर्तियों में गड़बड़ी, 90 में 3 नंबर लाने वाले भी पास

उत्तर प्रदेश में राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन (एन.एच.एम) के तहत होने वाली करीब 5 हजार स्टाफ नर्स और महिला स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं की भर्तीयों में भारी संख्या में गड़बड़ी के सबूत मिले हैं. इस भर्ती में तय संख्या ले कम नंबर लाने वाले मानको की भर्ती हुई है. बता दें कि यह विभाग परिवार कल्याण मंत्री रीता बहुगुणा जोशी के विभाग से जुड़ा हुआ है.

रीता बहुगुणा जोशी
inkhbar News
  • Last Updated: December 26, 2017 16:01:59 IST

लखनऊ: उत्तर प्रदेश में राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन (एन.एच.एम) के तहत होने वाली करीब 5 हजार स्टाफ नर्स और महिला स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं की भर्तीयों में भारी संख्या में गड़बड़ी के सबूत मिले हैं. इस भर्ती में तय संख्या ले कम नंबर लाने वाले मानको की भर्ती हुई है. यहां तक कई केसों में तो कुल नंबर 90 में से केवल 3 अंक पाने वालो को भी नौकरी मिल गई है. गौरतलब है कि सूबे के भीतर यह विभाग परिवार कल्याण मंत्री रीता बहुगुणा जोशी के विभाग से जुड़ा हुआ है.

दरअसल, बीते दिनों सरकार ने यूपी के कई जिलों में नेशनल हेल्मेंथ मिशन के तहत एएनएम और स्टाफ नर्स की भर्ती के लिए विज्ञापन दिया. इसमें 5 हजार भर्तीयां होनी थी. जिसके बाद अब इन भर्तियों के रिजल्ट में गड़बड़ी सामने आई है. जहां किसी को 90 अंको से 3 अंको वालों को भर्ती कर लिया गया तो 90 में से 64 नंबर लाने वाले अभ्यर्थी को भर्ती नहीं किया गया. आपको बता दें कि यह भर्तियां साक्षात्कार और लिखित परिक्षा के आधार पर हुई है.

हिला कल्याण और स्वास्थ्य विभाग की तरफ से की गई इन भर्तियों में अभ्यर्थियों ने राज्य सरकार पर आरोप लगाएं हैं. अगर इन भर्तियों के रिजल्ट सरकार की आधिकारिक साइट पर देखा जाए तो उसमें कई लोग ऐसे हैं जिनके अंक पास करने लायक भी नहीं थे. जबकि, कई जिलों के होनहार छात्रों अच्छे अंक लाकर भी भर्ती नहीं हो पाए. वहीं इस मामले में राज्य मंत्री रीता बहुगुणा जोशी ने कहा कि सरकार ने हर जिले की अलग मेरीट लिस्ट बनवाई है,जिस वजह से ऐसा हुआ है.

आगे उन्होंने कहा कि इस भर्ती में पहले ही नियम था कि जो भी आवेदक जिस जिले में नौकरी करना चाहता है तो उसे उसी जिले की मेरीट में शामिल किया गया है. इस नौकरी के दौरान कोई ट्रांसफर नहीं होगा जिस वजह से हर जिले की एक अलग लिस्ट बनाई गई है. गौरतलब हैं कि सरकार से इस बयान से अभ्यर्थी खुश नहीं हैं. उनका मानना है कि अगर स्वास्थ्य विभाग में कम अंक पाने वालों को आराम से नौकरी मिल जाती है तो यह सूबे की जनता के साथ खिलवाड़ होगा.

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