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फारूक अब्दुल्ला की मांग- ‘यदि जम्मू-कश्मीर में स्थिति सामान्य है तो चुनाव करवाए केंद्र’

नई दिल्ली: एक बार फिर जम्मू कश्मीर में चुनाव करवाने की मांग उठी है. ये मांग नेशनल कॉन्फ्रेंस के अध्यक्ष फारुक अब्दुल्ला ने उठाई है जहां अब्दुल्ला ने बुधवार को कहा है कि यदि केंद्रशासित प्रदेश जम्मू में इस समय स्थिति सामान्य है तो जम्मू कश्मीर में चुनाव करवाए जाए. कश्मीर मेंचुनाव करवाने की मांग […]

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  • Last Updated: February 22, 2023 21:14:40 IST

नई दिल्ली: एक बार फिर जम्मू कश्मीर में चुनाव करवाने की मांग उठी है. ये मांग नेशनल कॉन्फ्रेंस के अध्यक्ष फारुक अब्दुल्ला ने उठाई है जहां अब्दुल्ला ने बुधवार को कहा है कि यदि केंद्रशासित प्रदेश जम्मू में इस समय स्थिति सामान्य है तो जम्मू कश्मीर में चुनाव करवाए जाए.

कश्मीर मेंचुनाव करवाने की मांग

दरअसल बुधवार(22 फरवरी) को फारूक अब्दुल्ला मीडिया से बात कर रहे थे. इस दौरान उन्होंने कहा कि यदि केंद्रशासित प्रदेश में स्थिति सामान्य होने का केंद्र का दावा सही है तो केंद्र सरकार को जम्मू-कश्मीर में चुनाव करवाए जाने चाहिए. साथ ही श्रीनगर से लोकसभा सदस्य अब्दुल्ला ने केंद्र सरकार पर यह आरोप भी लगाया है कि वह जम्मू-कश्मीर का राज्य का दर्जा बहाल करने के मुद्दे पर लोगों के साथ नौटंकी कर रही है। इस दौरान उन्होंने मीडिया से कहा कि , “वे (केंद्र) राज्य का दर्जा बहाल नहीं करना चाहते। यह सब हमें और दुनिया को गुमराह करने की नौटंकी है। वे यह नहीं देंगे।”

‘अब लोगों को फर्क नहीं पड़ता’

अब्दुल्ला ने आगे मीडिया से कहा कि “सवाल यह भी उठता है कि भारत सरकार कहती है कि जम्मू कश्मीर में इस समय स्थिति सामान्य है। सीमांकन की प्रक्रिया भी पूरी हो चुकी है तो यदि चुनाव हर जगह कराए जा रहे हैं तो जम्मू-कश्मीर में क्यों नहीं?’’ पूर्व मुख्यमंत्री आगे कहते हैं कि “केंद्र ने उपराज्यपाल को ‘‘हर चीज का मास्टर’’ बना दिया है. यहां उपराज्यपाल को क्यों लगाया गया है.’’ जब उनसे संपत्ति कर लगाने जैसे नए कानून बनाने के लिए प्रशासन द्वारा नए आदेश जारी करने पर पूछा गया तो अब्दुल्ला ने कहा कि इससे अब लोगों को फर्क नहीं पड़ता।

इसमें कुछ भी गलत नहीं है – अब्दुल्ला

फारूक अब्दुल्ला आगे कहते हैं, “वे(केंद्र) आदेश पर आदेश जारी कर रहे हैं. यह सब अब हमें प्रभावित नहीं करता है क्योंकि हम मूकदर्शक हैं और गुलाम लोगों को क्या फर्क पड़ता है?” अतिक्रमण रोधी अभियान रुकने पर जब उनसे सवाल किया गया तो इसके जवाब में अब्दुल्ला ने कहा, ‘अतिक्रमण रोधी अभियान बहुत ही गलत कदम था। राष्ट्रीय राजनीति पर वह कहते हैं कि भारत की स्थापना हिंदू राष्ट्र के तौर पर नहीं हुई है जैसी कि कुछ दक्षिणपंथी समूहों द्वारा मांग की जा रही है.

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