Inkhabar
  • होम
  • राजनीति
  • ‘समय आ गया है कि विपक्ष एकजुट हो जाए ‘ आधिकारिक मुखपत्र में उद्धव ठाकरे

‘समय आ गया है कि विपक्ष एकजुट हो जाए ‘ आधिकारिक मुखपत्र में उद्धव ठाकरे

मुंबई: शिवसेना (UBT) ने ‘सामना’ में विपक्ष को एकजुट होने का आह्वाहन किया है. बुधवार(22 फरवरी) को उद्धव ठाकरे के अपने आधिकारिक मुखपत्र ने कहा कि ‘देश के लोकतंत्र को इस समय फांसी की ओर धकेला जा रहा है. ऐसे में अब समय आ गया है कि विपक्ष एकसाथ आ जाए. 2024 का लोकसभा चुनाव […]

Inkhabar
inkhbar News
  • Last Updated: February 22, 2023 18:05:23 IST

मुंबई: शिवसेना (UBT) ने ‘सामना’ में विपक्ष को एकजुट होने का आह्वाहन किया है. बुधवार(22 फरवरी) को उद्धव ठाकरे के अपने आधिकारिक मुखपत्र ने कहा कि ‘देश के लोकतंत्र को इस समय फांसी की ओर धकेला जा रहा है. ऐसे में अब समय आ गया है कि विपक्ष एकसाथ आ जाए. 2024 का लोकसभा चुनाव आखिरी मौक़ा है जब विपक्ष एक साथ आ जाए.’

क्या बोली उद्धव ठाकरे?

इसके अलावा ठाकरे ने बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार द्वारा किए गए विपक्ष को भाजपा के खिलाफ एकजुट होने के आह्वान का जिक्र किया और कहा, “विपक्ष की एकता के लिए नीतीश कुमार की गई पहल और कांग्रेस से की गई अपील महत्वपूर्ण है। नीतीश कुमार ने व्यक्त किया है कि उन्हें विश्वास है कि अगर विपक्ष सही तरीके से एकजुट होता है, तो आगामी आम चुनावों में भाजपा को 100 पर ऑल आउट होना होगा।” उन्होंने आगे कहा कि ‘विपक्ष के लिए अगले प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार के बारे में सोचने के बजाय एकजुट होने का समय है.अगले वर्ष के लिए प्रधानमंत्री पद का उम्मीदवार कौन होगा, इस बात का निर्णय बाद में हो सकता है। ‘भारत जोड़ो’ यात्रा के माध्यम से राहुल गांधी का नेतृत्व मजबूत और परिपक्व हुआ है. इसका सबूत है पहले उनकी यात्रा और फिर संसद सत्र में मोदी-अडानी दोस्ती के मुद्दे पर उनका हमला।

 

केंद्र पर साधा निशाना

उद्धव ठाकरे ने केंद्र सरकार पर केंद्रीय एजेंसियों का “दुरुपयोग” करने का आरोप लगाया है. उन्होंने आगे कहा कि, ‘तोड़ो, नष्ट करो और राज करो’ की नीति के तहत जांच एजेंसियों का खुलेआम दुरुपयोग किया जा रहा है. चाहे वह चुनाव आयोग हो या फिर अदालतें हों. पहले उन्होंने महाराष्ट्र में शिवसेना को तोड़ा और फिर बागी नेताओं को धनुष और तीर का प्रतीक बेच दिया. उद्धव ठाकरे आगे कहते हैं कि ये स्पष्ट है कि विद्रोहियों ने इसे खरीद लिया है.’

सुप्रीम कोर्ट से नहीं मिली राहत

बता दें, 17 फरवरी (शुक्रवार) को निर्वाचन आयोग ने शिंदे गुट को शिवसेना का नाम और धनुष-बाण दे दिया है. इसी फैसले को उद्धव ठाकरे गुट से सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी थी लेकिन उन्हें इस मामले में कोई राहत नहीं मिली. शीर्ष अदालत ने भी निर्वाचन आयोग के फैसले को ही आगे जारी रखा है.

कारगिल युद्ध के साजिशकर्ता थे मुशर्रफ, 1965 में भारत के खिलाफ लड़े थे युद्ध

Parvez Musharraf: जानिए क्या है मुशर्रफ-धोनी कनेक्शन, लोग क्यों करते हैं याद