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उपराष्ट्रपति चुनाव: TMC ने बनाई दूरी तो मार्गरेट आल्वा बोलीं- ये ईगो या क्रोध का समय नहीं

नई दिल्ली, उप राष्ट्रपति चुनाव में तृणमूल कांग्रेस के वोटिंग से दूर रहने के फैसले को विपक्ष की उपराष्ट्रपति उम्मीदवार मार्गरेट आल्वा ने निराशाजनक बताया है. उन्होंने कहा कि यह समय अहंकार या क्रोध का नहीं है, ये साहस, नेतृत्व और एकता का समय है. आल्वा ने कहा कि मेरा मानना ​​है कि ममता को […]

Vice President Election 2022
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  • Last Updated: July 22, 2022 17:30:55 IST

नई दिल्ली, उप राष्ट्रपति चुनाव में तृणमूल कांग्रेस के वोटिंग से दूर रहने के फैसले को विपक्ष की उपराष्ट्रपति उम्मीदवार मार्गरेट आल्वा ने निराशाजनक बताया है. उन्होंने कहा कि यह समय अहंकार या क्रोध का नहीं है, ये साहस, नेतृत्व और एकता का समय है. आल्वा ने कहा कि मेरा मानना ​​है कि ममता को विपक्ष के साथ खड़ा रहना चाहिए.

बता दें कि उपराष्ट्रपति चुनाव में तृणमूल कांग्रेस मतदान से दूर रहेगी. इसका फैसला गुरुवार को लिया गया था, टीएमसी का कहना था कि ममता बनर्जी से बिना बातचीत किए उपराष्ट्रपति उम्मीदवार की घोषणा क्यों की गई? और इसी बात से नाराज होकर पार्टी ने अपना विरोध दर्ज कराया है. पार्टी में सर्वसम्मति से यह फैसला लिया गया है, इस फैसले का 85 फीसदी सांसदों ने समर्थन किया है.

किसी को समर्थन नहीं देगी टीएमसी

तृणमूल कांग्रेस ने अपने फैसले से सभी को चौंका दिया है. पार्टी ने किसी भी उम्मीदवार को समर्थन नहीं देने का फैसला किया है. वो अब न तो विपक्ष की उम्मीदवार मार्ग्रेट अल्वा को वोट करेगी और ना ही एनडीए के उम्मीदवार जगदीप धनखड़ को समर्थन करेगी.

कांग्रेस ने साधा टीएमसी पर निशाना

बता दें कि राष्ट्रपति चुनाव में विपक्ष की अगुवाई करने वाली टीएमसी ने उपराष्ट्रपति चुनाव में अलग राह पकड़ ली है. जिसे लेकर कांग्रेस पार्टी ने हमला बोल दिया है. कांग्रेस ने टीएमसी पर कई गंभीर आरोप लगाए है. कांग्रेस नेता और लोकसभा सांसद अधीर रंजन चौधरी ने कहा कि जिन बंगाल के राज्यपाल जगदीप धनखड़ के साथ हमेशा सीएम ममता बनर्जी की तकरार चलती रहती थी. उन्हीं राज्यपाल ने उनको और असम के CM हिमंत बिस्वा सरमा को बुलाया, एक साथ तीनों की बैठक हुई और अगले ही दिन जगदीप धनखड़ को उपराष्ट्रपति पद का उम्मीदवार बना दिया गया। ये एक ‘दार्जिलिंग पैक्ट’ तीनों में हुआ है.

नामांकन के दौरान भी दूर रही टीएमसी

गौरतलब है कि तृणमूल कांग्रेस पार्टी के इस रवैये पर जम्मू कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने भी हैरानी जताई है. उन्होंने ट्वीट कर विपक्ष की एकजुटता पर सवाल उठाया है. इससे पहले सोमवार को उपराराष्ट्रपति पद चुनाव को लेकर मार्गेट अल्वा ने नामांकन दाखिल कर दिया, उन्होंने विपक्ष के साझा उम्मीदवार के तौर पर नामांकन दाखिल किया। इसमें टीएमसी का कोई भी प्रतिनिधि शामिल नहीं हुआ. राष्ट्रवादी कांग्रेस प्रमुख अध्यक्ष शरद पवार, कांग्रेस नेता राहुल गांधी, माकपा नेता सीताराम येचुरी समेत कई विपक्षी पार्टियों के नेता मार्गेट अल्वा के साथ मौजूद रहे.’

 

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