धनतेरस पूजा 2017 : घर में स्थापित करें इन 5 यंत्रों में से कोई एक, कभी नहीं होगी धन की कमी
धनतेरस पूजा 2017 : घर में स्थापित करें इन 5 यंत्रों में से कोई एक, कभी नहीं होगी धन की कमी
दिवाली इस बार 19 अक्टूबर को है. दिवाली का त्योहार पांच दिनों तक चलता है. इस त्योहार की शुरूआत धनतेरस पूजा से शुरू होती है. आज धनतेरस के दिन लोग नए बर्तन, सोना-चांदी खरीदतें हैं.
नई दिल्ली. दिवाली इस बार 19 अक्टूबर को है. दिवाली का त्योहार पांच दिनों तक चलता है. इस त्योहार की शुरूआत धनतेरस पूजा से शुरू होती है. आज धनतेरस के दिन लोग नए बर्तन, सोना-चांदी खरीदतें हैं. इस दिन भगवान धन्वन्तरि और कुबेर की पूजा की जाती है. कहा जाता है कि भगवान धन्वन्तरि अपने साथ अमृत भरा कलश और आयुर्वेद लिए जन्म लिया था. इन्हें ही औषधी का जनक कहा जाता है. इस दिन पूजा-पाठ का विशेष महत्व होता है. धनतेरस पर कई यंत्रों की पूजा की जाती है ताकि घर में धन से जुड़ी कोई समस्या न आएं. इसीलिए हम आपकों ऐसे 5 यंत्रों के बारे में बता रहे हैं जिसको धनतेरस पर घर में स्थापित करने से धन व ऐश्वर्या हमेशा बना रहता है. साथ ही बरकत के लिए भी शुभ हैं.
1. कुबेर यंत्र
जैसा कि सब जानते हैं धन के देवता यानि कुबेर की पूजा करने से धन संपत्ति की कभी कमी नहीं आती है. कहा जाता है कि अगर इस यंत्र की दिवाली पर पूजा करने के बाद तिजोरी में या घर के पैसे रखने के लोकर में रखने से बरकत बनी रहती है.
2.कनकधारा यंत्र
इस यंत्र को धन की दृष्टि से बेहद शुभ माना जाता है. इस यंत्र की पूजा करने से गरीबी दूर होती है. इस यंत्र को पूजा के दिन स्थापित कर पूरे विश्वास के साथ अर्चना करें. इससे निश्चित ही घर में धन की कभी कमी नहीं होगी.
3.मंगल यंत्र
इस यंत्र की स्थापना को धनतेरस के शुभ मौके पर कर सकते हैं. मंगल यंत्र की पूजा करने से आपके कर्ज की समस्या हल हो सकती है. इस मंत्र को कर्ज से समस्या से उबरने के लिए इसकी अराधना की जाती है.
4.महालक्ष्मी यंत्र
माता लक्ष्मी के इस यंत्र की पूजा करने से परिवार में गरीबी का अंत होता है. महालक्ष्मी यंत्र की स्थापना करने से पैसों को बढ़ाने के लिए ये यंत्र बेहद शुभ होता है.
5.श्रीयंत्र
कहा जाता है कि सभी यंत्रों में श्रीयंत्र को यंत्रराज माना जाता है. इस यंत्र की मान्याता है कि इससे कर्ज से छुटकारा मिलता है और धन कमाने के कई रास्ते खुलते हैं. श्रीयंत्र को पूजा घर में स्थापित करना चाहिए.