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Mauni Amavasya 2024: कब है मौनी अमावस्या, जानें महत्व और उपाय

नई दिल्ली: शुक्रवार को मौन अमवस्या है, माना जाता है कि पितर आत्मा की तृप्ति के लिए अमावस्या के दिन धरती पर आते हैं और अपने परिजनों से श्राद्ध, तर्पण साथ ही भोजन की उम्मीद करते हैं। कहा जाता है कि जो भी अमावस्या पर दान, पितृ पूजन आदि करता है उसे जीवनभर कभी कष्ट […]

Mauni Amavasya 2024
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  • Last Updated: February 8, 2024 22:00:55 IST

नई दिल्ली: शुक्रवार को मौन अमवस्या है, माना जाता है कि पितर आत्मा की तृप्ति के लिए अमावस्या के दिन धरती पर आते हैं और अपने परिजनों से श्राद्ध, तर्पण साथ ही भोजन की उम्मीद करते हैं। कहा जाता है कि जो भी अमावस्या पर दान, पितृ पूजन आदि करता है उसे जीवनभर कभी कष्ट नहीं झेलना पड़ता और पूर्वजों के आशीर्वाद से(Mauni Amavasya 2024) उसका घर फलता फूलता है। जानकारी दे दें कि इस साल मौनी अमावस्या 9 फरवरी 2024 को है। इस दिन सुबह स्नान के बाद सूर्य को दूध, तिल से अर्घ्य देना भी विशेष लाभकारी होता है।

हिंदू पंचांग के मुताबिक इस साल माघ माह के कृष्ण पक्ष की अमावस्या तिथि की शुरुआत 9 फरवरी को सुबह 8:02 से होगी और 10 फरवरी को सुबह 4:28 तक इसका समापन होगा। इस दौरान इस साल 9 फरवरी को मौनी अमावस्या मनाई जाएगी।

महत्व

सभी अमावस्या तिथियों में मौनी अमावस्या को सर्वश्रेष्ठ माना जाता है। इस दिन मौन रहना बेहद शुभ होता है। साथ ही इस दिन सुबह किसी पवित्र नदी में स्नान जरूर करें और जो लोग किसी पवित्र नदी में स्नान करने में असमर्थ हैं वे घर पर ही पानी में गंगाजल मिलाकर स्नान कर सकते हैं। इस दिन तिल, तिल के लड्डू, तिल का तेल, वस्त्र और आंवला दान में देना शुभ माना जाता है और साथ ही इस दिन पितरों को अर्घ्य देना और पितृ तर्पण करना शुभ होता है।

क्या करें उपाय

शास्त्रों के मुताबिक मौनी अमावस्या पर 11 लौंग और कपूर से हवन करना चाहिए और फिर कनकधारा स्तोत्र का पाठ करना चाहिए। इस उपाय से पैसों की तंगी दूर होती है और साथ ही उधार दिया हुआ पैसा भी जल्द वापस मिल जाता है। वहीं, इस दिन रात के समय 5 लाल गुलाब और 5 जलते हुए दीये किसी नदी में प्रवाहित कर दें। बता दें कि इस उपाय को करने से मां लक्ष्मी मेहरबान रहती हैं।

(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी मान्यताओं पर आधारित है. इसकी पुष्टि नहीं की गई है। यहां दी गई किसी भी जानकारी या मान्यता पर अमल करने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह लें।)

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