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Rishi Panchami 2019 Date Calendar: कब है ऋषि पंचमी 2019, जानिए पूजा विधि, व्रत कथा और महत्व

Rishi Panchami 2019 Date Calendar: भाद्रपद माह के शुक्ल पक्ष की पंचमी को ऋषि पंचमी मनाई जाती है. इस दिन व्रत का विशेष महत्व है. ऋषि पंचमी 2019 व्रत 3 सिंतबर 2019 को रखा जाएगा. ऋषि पंचमी के दिन पूरे विधि-विधान के साथ ऋषियों के पूजन के बाद कथा श्रवण का बड़ा महत्व बताया गया है.

Rishi Panchami 2019 Date Calendar: When is Rishi Panchami 2019, Puja Time, Vidhi, Vrat Katha and Significance
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  • Last Updated: July 10, 2019 15:48:24 IST

नई दिल्ली. ऋषि पंचमी भाद्रपद माह के शुक्ल पक्ष की पंचमी को मनाई जाती है. कहा जाता है कि इस दिन व्रत काफी ज्यादा फलदायी होता है इसलिए व्रत को भक्ति और श्रद्धा के साथ किया जाता है. इस साल 3 सिंतबर 2019 को ऋषि पंचमी व्रत किया जाएगा. इस दिन ऋषियों का पूर्णँ विधि-विधान से पूजन के बाद कथा श्रवण करने का विशेष महत्व बताया गया है. मान्यता है कि यह व्रत लोगों के पापों का नाश करता है और अच्छे फल देता है. यह व्रत और ऋषियों के प्रति श्रद्धा, कृतज्ञता, समर्पण और सम्मान की भावना को दर्शाता है.

Rishi Panchami 2019: ऋषि पंचमी पूजा विधि
पहले यह व्रत सभी वर्णों के पुरुषों के लिए बताया गया था लेकिन समय के साथ-साथ अब यह व्रत अधिकतर महिलाएं करती हैं. इस दिन पवित्र नदियों में स्नान का विशेष महत्व बताया गया है. ऋषि पंचमी की पूजा के लिए सप्तऋषियों की प्रतिमाओं की स्थापना कर उन्हें पंचामृत स्नान दें. जिसके बाद उनपर चंदन का लेप लगाएं. और फूलों एवं सुगंधित पदार्थों, दीप, धूप आदि अर्पण करें. इसके साथ ही श्वेत वस्त्रों, यज्ञोपवीतों और नैवेद्य से पूजा औऱ मंत्र का जाप करें.

Rishi Panchami 2019: ऋषि पंचमी कथा

काफी पहले विदर्भ नामक एक ब्राह्मण अपनी पत्नी के साथ रहते थे. उनके परिवार में एक पुत्र व पुत्री थी. ब्राह्मण पुत्री का विवाह अच्छे ब्राह्मण कुल में कर देता है लेकिन काल के प्रभाव स्वरूप कन्या का पति अकाल मृत्यु को प्राप्त होता है. जिसके बाद विधवा अपने घर लौट जाती है. एक दिन आधी रात में विधवा के शरीर में कीड़े पैदा होने लगते हैं. ऐसी हालत देखकर उसके पिता एक ऋषि के पास ले जाते हैं. ऋषि कहते हैं कि कन्या पूर्व जन्म में ब्राह्मणी थी और इसनें ए बार रजस्वला होने पर भी घर के बर्तन छू लिए और काम करने लगी. बस इसी पाप की वजह से इसके शरीर में कीड़े पड़ गए.

दरअसल, शास्त्रों में रजस्वला स्त्री का कार्य निषेध बताया गया है लेकिन इस बात पर ध्यान नहीं दिया गया और इसका दंड भोगना पड़ रहा है. ऋषि कहते हैं कि अगर वह कन्या ऋषि पंचमी का व्रत करें और पूरे श्रद्धा भाव के साथ पूजा और क्षमा प्रार्थना करे और उसे अपने पापों से मुक्ति मिल जाएगी. इस प्रकार कन्या द्वारा ऋषि पंचमी का व्रत करने से उसे पापों से मुक्ति प्राप्त हो जाती है.

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