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ऑपरेशन मालाबार: जब एक साथ भारत, अमेरिका और जापान के हथियार चीन को देंगे चुनौती

सिक्किम सेक्टर में भारतीय सेना और चीनी पीपुल्स लिबरेशन पार्टी के बीच पिछले एक महीने से चल रहा विवाद हर दिन एक कदम आगे बढ रहा है. दोनों देशों ने सिक्किम स्थित सीमा पर टेंट लगा कर लंबे संघर्ष के लिए पोजिशन बना ली है. चीन तो युद्दाभ्यास भी कर रहा है

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  • Last Updated: July 8, 2017 18:16:03 IST
नई दिल्ली: सिक्किम सेक्टर में भारतीय सेना और चीनी पीपुल्स लिबरेशन पार्टी के बीच पिछले एक महीने से चल रहा विवाद हर दिन एक कदम आगे बढ रहा है. दोनों देशों ने सिक्किम स्थित सीमा पर टेंट लगा कर लंबे संघर्ष के लिए पोजिशन बना ली है. 
चीन तो युद्दाभ्यास भी कर रहा है ऐसे में भारत के समंदर पर ऑपरेशन मालाबार चीन के लिए बड़ी सबसे बड़ी चिंता बना हुआ है. क्या है ऑपरेशन मालाबार और कैसे ऑपरेशन मालाबार से चीन की चुनौती मिलने वाली है. 
 
बंगाल की खाड़ी आने वाले कुछ दिनों में समंदर की सबसे खतरनाक ताकत की गवाह बनेगी. समंदर की लहरो पर सबसे बड़ा नौसेनिक सैन्य अभ्यास होगा. दुनिया जब संमंदर की लहरो पर फाइटर जेट को उड़ते देखेंगी तो दंग हो जाएंगी. समंदर में होने वाले इस सबसे बड़े सैन्य अभ्यास में ताकत के साथ तकनीक भी दिखेगी.
 
 
आने वाली 10 तारीख यानि सोमवार से अगले सात दिनों तक भारत, अमेरिका और जापान बंगाल की खाड़ी में साझा नौसैनिक अभ्यास करने जा रहे है. भारत, अमेरिका और जापान की एक्सरसाइज़ में ये पहली बार होगा कि तीन एयरक्राफ्ट कैरियर हिस्सा लेंगे. जिसमें अमेरिका का निमित्ज, भारत का आईएनएस विक्रमादित्य और जापान का इजूमो एयरक्राफ्ट करियर है.
 
सात दिनो तक चलने वाले इस सबसे बड़े नौसेना के युद्दाभ्यास में इन तीन एयरक्राफ्ट के अलावा अमेरिका जापान और भारत के दूसरे प्रमुख जहाज पनडुब्बिया और लड़ाकू विमान हिस्सा लेंगे. मालाबार नाम से मशहूर इस एक्सरसाइज पर पूरी दुनिया की नजरें है. साथ ही नजरे है चीन की क्योकि सीक्किम के डोकाला में जिस तरह से सीमा विवाद को लेकर हमारे और पीएलए के सैनिक आमने सामने है उसने इस युद्दाभ्यास को और महत्वपूर्ण बना दिया है.
 
 
दरअसल भारत और अमेरिका के बीच मालाबार अभ्यास की शुरुआत 1992 में हुई थी. साल 2007 में बंगाल की खाड़ी में हुए सैन्य अभ्यास में सबसे ज्यादा 5 देशों ने हिस्सा लिया था. जिसमें भारत अमेरिका के अलावा जापान, ऑस्ट्रेलिया और सिंगापुर भी शामिल थे. लेकिन इस बार भारत अमेरिका और जापान इस युद्दाभ्यास में शामिल हो रहे है.
 
ऑपरेशन मालाबार में समंदर में भारत की तरफ नौसेना आईएएनएस विक्रमादित्य को उतार रही है. आईएनएस व्रिक्रमादित्य 20 मंजिला उंचा जहाज है. जब ये समंदर पर तैरता है. इसे देखकर ही दुश्मन की सांसे अटक जाती है. आईएनएस विक्रमादित्य भारतीय नौसेना के लिए ही नहीं बल्कि समूचे देश के लिए गौरव है.
 
ये जंगी जहाज इतना बड़ा है कि इसमें तीन फुटबाल के मैदान शामिल हो सकते है. आकड़ों में कहे तो ये जहाज 283.5 मीटर लंबा है. उंचाई के मामले में भी इस जहाज का कोई जवाब नहीं तकरीबन 20 मंजिल उंचा ये जहाज 44 हजार 500 टन भारी है. इसलिए भारतीय नौसेना के इस सबसे लंबे और विशाल युद्धपोत को सागर सम्राट आईएनएस विक्रमादित्य कहा जाता है.
 
इस विमानवाहक युद्दपोत से जब लड़ाकू विमान उड़ान भरते है और दुश्मन पर टूटते है तो पूरा इलाका कांप जाता है. आईएनएस विक्रमादित्य की बदौलत भारतीय नौसेना अपने समुद्री किनारे से बहुत दूर जा कर भी कार्रवाई कर सकती है.
 
 
आईएनएस विक्रमादित्य को 16 नवंबर 2013 को रूस के सेवमास शिपयार्ड में भारतीय नौसेना में कमीशन किया गया था. रूस ने डी-कमीशंड हो चुके एडमिरल गोर्शकोव नाम के अपने जहाज को भारतीय नौसेना की जरूरत के हिसाब से एक ताकतवर हथियार में बदल दिया.
 
विमान वाहक पोत आईएनएस विक्रमादित्य 30 लड़ाकू जहाज ले जाने की क्षमता से लैस है. इस पर मौजूद चौथी पीढ़ी का लड़ाकू विमान मिग- 29K इसका सबसे बड़ा हथियार हैं. इस पर छह कोमोव -31 हेलीकॉप्टर भी तैनात है विक्रमादित्य को पनडुब्बी हमले से भी बचा सकते हैं.
 
विक्रमादित्य 6 नली वाली AK-630 तोप से लैस है. जमीन से हवा पर मार करने वाली बराक मिसाइल इसे दुश्मन के लड़ाकू जहाज से बचाती है. 30 नॉट यानी 56 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से ये बहुत तेजी से युद्धक्षेत्र तक पहुंच सकता है. इस पर लंबी दूरी के अत्याधुनिक एयर सर्विलेंस रडार लगे हुए हैं, जो इसे दुश्मन के हमले से सावधान करते हैं.
 
अपने रडार सिस्टम की वजह से ये अपने इर्द गिर्द 500 किलोमीटर के इलाके में दुश्मन की आहट को ट्रेस कर लेता है. 500 किलोमीटर के रेडियस में समंदर की 10 दिशाओं पर नजर मिग-29K विमानों के जरिए आसमान पर 2000 किलोमीटर की दूरी तक दबदबा और समंदर में एक बार में 45 दिन तक रहने की क्षमता की वजह से ही ये सागर सम्राट कहलाता है. 
 
आईएनएस विक्रमादित्य समंदर में जिस जगह खड़ा हो जाता है, वहां उसका राज कायम हो जाता है. यही वजह है कि आईएनएस विक्रमादित्य को गेम चेंजर यानी तस्वीर बदल देने वाली ताकत के तौर पर देखा जाता है.
 
(वीडियो में देखें पूरा शो)

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