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वीरता पुरस्कार: 15 साल के बिनिल ने अनजान जिंदगियों को बचाने के लिए दाव पर लगा दी जान

हर साल 26 जनवरी को देश के कुछ बच्चों को वीरता पुरस्कार से नवाजा जाता है. इस बार भी वीतरा पुरस्कार के लिए 25 बच्चों को चुना गया है. इन्हीं बच्चों में एक है केरल का रहने वाला बिनिल मंजली, जिसने अपनी बहादुरी से एक अनजान की जान बचा ली.

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  • Last Updated: January 17, 2017 12:17:33 IST
नई दिल्ली: हर साल 26 जनवरी को देश के कुछ बच्चों को वीरता पुरस्कार से नवाजा जाता है. इस बार भी वीरता पुरस्कार के लिए 25 बच्चों को चुना गया है. इन्हीं बच्चों में एक है केरल का रहने वाला बिनिल मंजली, जिसने अपनी बहादुरी से एक अनजान की जान बचा ली. 
 
 
15 साल 11 महीने के बिनिल मंजली की बहादुरी की घटना 17 अप्रैल 2016 की है. इस दिन बिनिल मंजली और परिवार वाले एक कार्यक्रम के बाद अपनी कार से वापस लौट रहे थे. बिनिल की बहन ने देखा कि एक दस साल का बच्चा रो रहा था और गाड़ियों के पीछे भागकर मदद मांग रहा था. 
 
 
जैसे ही उन्होंने कार रोकी, लड़के ने उनसे अपने परिवार वालों को जो कि पेरियार नहर में गिर गए थे, बचाने की मदद मांगी. बिनिल ने तुरंत अपने कपड़े उतारे और 20 फुट गहरी नहर में छलांग लगा दी. श्रीमति शाइबी को पकड़, बिनिल उन्हें किनारे तक लेकर आया. वह फिर पानी में गया और अन्य दो लोगों को ढूंढने का प्रयास किया लेकिन इस बार उसे नाकामी मिली. 
 
 
इस बीच उसके माता-पिता ने पुलिस और अग्नी-शमन दल को सूचित किया और उन दोनों के शव बाद में ढूंढ निकाले गए. बिनिल मंजली ने अपने निस्वार्थ कृत्य से एक अनमोल जीवन बचाकर उत्कृष्ट साहस का परिचय दिया. छोटी-सी उम्र में इस साहसिक कार्य को करने के लिए मोहन को वीरता पुरस्कार से सम्मानित किया जा रहा है. 
 
 
बिनिल के अलावा सम्मानित होने वाले बच्चों में इन बच्चों में से 1 अरुणाचल प्रदेश, 2 पश्चिम बंगाल, 1 उत्तराखंड, 2 मिजोरम, 2 छत्तीसगढ़, 1 राजस्थान, 1 ओडिशा, 1 कर्नाटक, 1 नागालैंड, 1 हिमाचल प्रदेश, 1 असम, 1 मणिपुर, 3 केरल, 1 उत्तर प्रदेश, 3 दिल्ली, 1 महाराष्ट्र और 1 जम्मू-कश्मीर के बच्चा है.

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