Inkhabar
  • होम
  • राज्य
  • अतीक अहमद पर कसेगा शिकंजा, उमेश पाल हत्याकांड मामले भी होगी पूछताछ

अतीक अहमद पर कसेगा शिकंजा, उमेश पाल हत्याकांड मामले भी होगी पूछताछ

प्रयागराज: माफिया अतीक अहमद को लेकर बड़ी खबर सामने आ रही है जहां बताया जा रहा है कि उमेश पाल हत्याकांड मामले में माफिया अतीक को आज ही कोर्ट में पेश किया जाएगा. दरअसल हत्याकांड मामले को लेकर पुलिस आज (27 मार्च) को ही अतीक से पूछताछ करेगी जहां उसे सीजेएम कोर्ट में पेश किया […]

(माफिया अतीक अहमद)
inkhbar News
  • Last Updated: March 27, 2023 16:00:46 IST

प्रयागराज: माफिया अतीक अहमद को लेकर बड़ी खबर सामने आ रही है जहां बताया जा रहा है कि उमेश पाल हत्याकांड मामले में माफिया अतीक को आज ही कोर्ट में पेश किया जाएगा. दरअसल हत्याकांड मामले को लेकर पुलिस आज (27 मार्च) को ही अतीक से पूछताछ करेगी जहां उसे सीजेएम कोर्ट में पेश किया जाएगा. ऐसे में पुलिस अतीक अहमद को रिमांड पर ले सकती है.

पुलिस के पास है अहम सबूत

दरअसल आज यानि सोमवार को अतीक अहमद को गुजरात की साबरमती जेल से प्रयागराज लाया गया था. यहां उसे प्रयागराज की एमपी-एमएलए स्पेशल कोर्ट में साल 2006 में हुए उमेश पाल के अपहरण मामले में पेश किया जाएगा. यहां कोर्ट अतीक अहमद पर राजू पाल हत्याकांड के मुख्य गवाह उमेश पाल के अपहरण से जुड़े आरोपों पर सजा सुनाने वाली है. यह पेशी कल यानी 28 मार्च को होने वाली है. बहरहाल अब खबर सामने आ रही है कि CJM कोर्ट में अतीक अहमद की रिमांड को लेकर प्रयागराज पुलिस ने अर्ज़ी दाखिल की है. सीजेएम कोर्ट में आज इस मामले को लेकर 4.30 बजे सुनवाई होनी है. कहा जा रहा है कि पुलिस इस दौरान कोर्ट के सामने अतीक के खिलाफ सभी अहम सबूत पेश करेगी.

आजीवन कारावास या फांसी?

वकील अमित कुमार सिंह ने कहा है कि यदि यह सिद्ध हो जाता है कि अपराध एक सोची-समझी साज़िश के तहत हुआ है तो अतीक के साथ-साथ अन्य आरोपी भी उस सज़ा के हक़दार होंगे जो सज़ा अतीक के लिए निर्धारित होगी। भारतीय संविधान के IPC की धारा के अनुसार अपहरण के अपराध में आजीवन कारावास के अलावा मृत्युदंड की भी सजा हो सकती है।

भारतीय दंड संहिता की 364 ए है सबसे बड़ी धारा

हाईकोर्ट के वरिष्ठ वकील अरुण कुमार मिश्रा का कहना है कि उमेश पाल के अपहरण कांड में कई धाराएं लगी हैं, जिसमें से 364 ए धारा को सबसे बड़ा बताया जा रहा है, जिसके चलते अतीक को आजीवन कारावास या फांसी तक की सज़ा भी हो सकती है। इसके अलावा जो अन्य धाराएं लगाई गयी हैं, वह कुछ इस प्रकार है – 34, 120बी, 147, 148, 149, 323, 341, 342, 364, 504, 506 इत्यादि है।

कारगिल युद्ध के साजिशकर्ता थे मुशर्रफ, 1965 में भारत के खिलाफ लड़े थे युद्ध

Parvez Musharraf: जानिए क्या है मुशर्रफ-धोनी कनेक्शन, लोग क्यों करते हैं याद