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Tech: सरकार के नये नियम में अब कोई भी मोबाईल नंबर नहीं रहेगा Unknown?

टेकः सरकार ने Indian Telecommunication Bill, 2022 का ड्राफ्ट तैयार कर लिया है। वैसे तो इस ड्राफ्ट में WhatsApp और दूसरे इंटरनेट कॉलिंग ऐप्स के लाइसेंस जुड़े कई प्रावधान शामिल है। अब इस नये नियम के अनुसार इन ऐप्स को भी टेलीकॉम कंपनियों की तरह लाइसेंस की जरूरत पड़ेगी। अभी इस बिल का ड्राफ्ट तैयार […]

सांकेतिक चित्र
inkhbar News
  • Last Updated: September 24, 2022 14:59:49 IST

टेकः सरकार ने Indian Telecommunication Bill, 2022 का ड्राफ्ट तैयार कर लिया है। वैसे तो इस ड्राफ्ट में WhatsApp और दूसरे इंटरनेट कॉलिंग ऐप्स के लाइसेंस जुड़े कई प्रावधान शामिल है। अब इस नये नियम के अनुसार इन ऐप्स को भी टेलीकॉम कंपनियों की तरह लाइसेंस की जरूरत पड़ेगी। अभी इस बिल का ड्राफ्ट तैयार किया गया है। जिस पर दूरसंचार विभाग ने लोगों से सुझाव मांगे हैं।

बिल में सुरक्षा से जुड़े प्रावधान

ड्राफ्ट से जुड़ी जानकारी खुद टेलीकॉम मिनिस्टर अश्विनी वैष्णव ने दी है। उनके अनुसार पीएम ने निर्देश दिया है कि बिल का ड्राफ्ट लोगों की प्राइवेसी और सुरक्षा को ध्यान में रखकर तैयार किया जाए। इस बिल के ड्राफ्ट में पारदर्शिता पर भी ध्यान दिया गया है जिसके अनुसार सर्विस प्रोवाइडर और यूजर दोनों को ही कॉलर की जानकारी होनी चाहिए। नये दौर में वॉयस और डेटा कॉल्स के बीच मौजूद अंतर लगभग खत्म हो चुका है। इसलिए अब सभी कॉलिंग प्लेटफॉर्म्स को एक ही रेगुलेशन का अनुपालन करना होगा।

टेलीकम्युनिकेशन बिल होगा खास

दरअसल भारत में अभी इंटरनेट कॉलिंग को लेकर कोई रेगुलेशन नहीं है। वहीं नए बिल के पास होने के बाद डेटा कॉलिंग ऐप्स को भी टेलीकॉम कंपनियों की तरह ही नियमों को पालन करना होगा। वहीं कॉलर आइडेंटिटी पर बिल के ड्राफ्ट में इस बारे में जानकारी नहीं दी गई है। टेलीकॉम मिनिस्टर ने प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान बताया कि भारत टेलीकॉम सेक्टर में वैश्विक नेतृत्व की क्षमता रखता है। जिसे ध्यान में रखते हुए भारत USOF (Universal Service Obligation Fund) को एक्सपैंड कर रहा है। प्रधानमंत्री ने अपने मंशा पहले ही जताते हुए साफ कहा है कि हमने ग्लोबल स्टैंडर्ड के पैरलल 5G सेवा तैयार की है और 6G तकनीक के मामले में दुनिया को लीड करेंगे।

स्पेक्ट्रम यूज पर है ध्यान

अश्विनी वैष्णव ने बताया कि टेलीकॉम सर्विसेस और नेटवर्क के लिए लाइसेंस, वायरलेंस इक्विपमेंट ऑथेंटिकेशन, टेलीकॉम इंफ्रास्ट्रक्चर के रजिस्ट्रेशन और स्पेक्ट्रम के कुछ मामलों को छोड़कर सभी नीलामी के जरिए ही दिए जाएंगे।

 

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