Inkhabar
  • होम
  • top news
  • Israel-Hamas War: हमास के हमले पर बोले विदेश मंत्री जयशंकर, 7 अक्टूबर को इजरायल में जो हुआ वो आतंकी हरकत

Israel-Hamas War: हमास के हमले पर बोले विदेश मंत्री जयशंकर, 7 अक्टूबर को इजरायल में जो हुआ वो आतंकी हरकत

नई दिल्ली: विदेश मंत्री एस जयशंकर ने इजरायल और हमास युद्ध को लेकर एक बार फिर बड़ा बयान दिया है. उन्होंने कहा है कि 7 अक्टूबर को इजराइल पर हमास द्वारा किया गया हमला आतंकी हरकत थी. इसके साथ ही उन्होंने कहा कि फिलिस्तीन का मुद्दा भी अहम है और उसका समाधान होना चाहिए. बता […]

(विदेश मंत्री एस जयशंकर)
inkhbar News
  • Last Updated: November 3, 2023 13:55:34 IST

नई दिल्ली: विदेश मंत्री एस जयशंकर ने इजरायल और हमास युद्ध को लेकर एक बार फिर बड़ा बयान दिया है. उन्होंने कहा है कि 7 अक्टूबर को इजराइल पर हमास द्वारा किया गया हमला आतंकी हरकत थी. इसके साथ ही उन्होंने कहा कि फिलिस्तीन का मुद्दा भी अहम है और उसका समाधान होना चाहिए. बता दें कि विदेश मंत्री ने इटली की राजधानी रोम में आयोजित सीनेट एक्सटर्नल अफेयर्स एंड डिफेंस कमीशन में अपनी बात रखते हुए ये कहा है.

UN में भारत के स्टैंड पर ये कहा था

बता दें कि इससे पहले विदेश मंत्री एस जयशंकर ने इजरायल और हमास युद्ध को लेकर संयुक्त राष्ट्र में भारत के स्टैंड पर बड़ा बयान दिया था. उन्होंने कहा था कि हम आतंकवाद के बड़े पीड़ित हैं, इसलिए हम आतंकवाद पर हमेशा कड़ा रुख अपनाते हैं. अगर हम ये कहें कि जब आतंकवाद हम पर प्रभाव डालता है तो ये गंभीर है और जब दूसरों के साथ ऐसा होता है तो ये गंभीर नहीं है. इससे हमारी कोई विश्वसनीयता नहीं होगी. विदेश मंत्री ने कहा कि हमें आतंकवाद पर एक सतत स्थिति बनाए रखने की आवश्यकता है.

भारत ने यूएन के प्रस्ताव से बनाई दूरी

बता दें कि एस जयशंकर का ये बयान ऐसे वक्त में आया है जब मध्य पूर्व में इजराइल और हमास के बीच जंग जारी है. इस बीच इजराइल में संघर्ष विराम पर संयुक्त राष्ट्र के प्रस्ताव से भारत ने खुद को अलग कर लिया है. इसके साथ ही भारत ने इजरायल पर हुए आतंकी हमलों के लिए हमास की निंदा भी नहीं की है.

विदेश मंत्री जयशंकर ने और क्या कहा?

मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल में एक कार्यक्रम में संबोधित करते हुए एस जयशंकर ने कहा कि मैं आप सभी को यूक्रेन युद्ध का उदाहरण देकर समझता हूं. मुझे मालूम है कि इस बात पर काफी ध्यान दिया गया था कि भारत रूस से तेल खरीदने के अपने अधिकार को लेकर कड़ा रुख अख़्तियार किया है. लेकिन मैं चाहता ये हूं कि आप सब भी सोचें, अगर हम दबाव के आगे झुके होते और यह विकल्प नहीं अपनाया होता तो देश में पेट्रोलियम उत्पादों की कीमत कितनी ज्यादा होती. सोचिए यहां महंगाई कितनी ज्यादा बढ़ गई होती. मैं कहना चाहता हूं कि यह केवल गर्व की बात या स्वतंत्रता का बयान नहीं है. एक अच्छी सरकार हमेशा अपने लोगों के हितों के लिए खड़ी होती है.

यह भी पढ़ें-

Israel-hamas war: अमेरिका देगा इजराइल को 14.5 अरब डॉलर की सैन्य मदद