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ट्रंप का विरोध करने पर भारतीय मूल के CEO से कहा गया, इंडिया लौट जाओ भारतीय सूअर

भारतीय मूल के सीईओ को महज एक लेख लिखने की वजह से अमेरिका में नस्लीय दुर्व्यवहार का सामना करना पड़ा है. बताया जा रहा है कि भारतीय मूल के सीईओ रविन गांधी के साथ ऐसा इसलिए हुआ क्योंकि उन्होंने शारलोटसविले में हिंसा के बाद अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प के आर्थिक एजेंडे का बचाव नहीं किया था.

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  • Last Updated: August 23, 2017 12:43:44 IST
नई दिल्ली. भारतीय मूल के सीईओ को महज एक लेख लिखने की वजह से अमेरिका में नस्लीय दुर्व्यवहार का सामना करना पड़ा है. बताया जा रहा है कि भारतीय मूल के सीईओ रविन गांधी के साथ ऐसा इसलिए हुआ क्योंकि उन्होंने शारलोटसविले में हिंसा के बाद अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प के आर्थिक एजेंडे का बचाव नहीं किया था.
 
इससे पहले रविन गांधी अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की आर्थिक नीतियों की कुछ बातों का समर्थन करते थे. लेकिन शारलोटसविले में नस्लीय हिंसा के बाद उन्होंने ट्रंप की आलोचना की थी. बता दें कि शारलोटसविले में हुई हिंसा में श्वेत समर्थकों ने विरोधी प्रदर्शनकारियों के साथ मारपीट की थी. 
 
रविन गांधी ने कहा था कि भले ही शेयर बाजार क्यों ना 50000 को पार कर जाए, बेरोजगारी की दर 1 परसेंट हो जाए या फिर विकास दर 7 परसेंट हो जाए, वो अब ट्रंप का बचाव नहीं करेंगे. उन्होंने कहा था कि कुछ मसले आर्थिक मसलों से बड़े हैं और वो ऐसे राष्ट्रपति का समर्थन नहीं कर सकते जो उन लोगों से नफरत करता दिखता है जो उसके जैसे नहीं दिखते.
 
 
अमेरिकी अखबार न्यूयॉर्क टाइम्स में रविन गांधी के इस बयान के बाद ट्रंप समर्थक उनको जी भरकर गाली दे रहे हैं. रविन ने ऐसी ही एक ट्रंप समर्थक की वॉयसमेल पर आई गालियों को यू-ट्यूब पर डाला है. जो काफी वायरल हो रहा है.
 
इस संदेश में ट्रंप समर्थनक महिला रविन से कह रही हैं कि वो भारतीय सूअर हैं और अपना बोरिया-बिस्तर समेट कर वापस भारत लौट जाएं. इस महिला ने संयुक्त राष्ट्र में अमेरिकी राजदूत निक्की हेली को भी भला-बुरा कहा है. 
 
रविन से जब शिकागो ट्रिब्यून ने पूछा कि उन्होंने ये संदेश यू-ट्यूब पर क्यों डाला तो रविन ने कहा, “ये बात सच है कि मेरे रोज-रोज के काम में मेरी नस्ल कोई मायने नहीं रखती लेकिन ये दुखद सच्चाई है कि यहां नस्लीय लोगों का एक ग्रुप है जो मुझे दोयम दर्जे का नागरिक समझता है.”
 
 
रविन अमेरिका के इलियोनिस प्रांत में पैदा और वहीं पले-बढ़े भारतीय मूल के अमेरिकी नागिरक है. नॉन स्टिक बर्तनों की कोटिंग का उनका बड़ा कारोबार है.
बता दें कि इस ऑडियो को 7000 से ज्यादा बार सुना गया, महिला के हमले का जवाब देते हुए एक यूजर कहता है कि भारत एक बौद्ध बहुसंख्यक देश नहीं रहा है, उसने यह भी कहा कि ये नस्लवादी लोग इतने अज्ञानी क्यों हैं.
 
गौरतलब है कि हाल ही में शारलोटसविले में हुई हिंसा में श्वेत समर्थकों ने विरोधी प्रदर्शनकारियों के साथ मारपीट की थी, जिसके बाद अमेरिकी प्रेसीडेंट की ओर से निंदा न किये जाने को लेकर उनकी खूब आलोचना हुई थी. बता दें कि इस विरोध प्रदर्शन में नव-नाज़ी, कू क्लक्स क्लान के सदस्य आदि शामिल थे. 
 
यहां देखें यूट्यूब पर गाली वाला ये वीडियो- 
 

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