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फैमिली गुरु: जानिए पूर्णिमा और पितरों की कृपा दिलाने वाला अचूक उपाय

इंडिया न्यूज के नंबर 1 शो फैमिली गुरु में पितरों की कृपा दिलाने वाले उपाय के बारे में बताया है. पितृपक्ष में दान का बहुत ही महत्व माना जाता है. सही दान से पितरों क कृपा बनी रहती है, खासकर तिल का दान करने से पितरों की कृपा मिलती है.

Family Guru: know pitru paksha 2018 bless you
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  • Last Updated: September 24, 2018 19:41:52 IST

नई दिल्ली. इंडिया न्यूज के खास शो फैमिली गुरु में आज जय मदान ने पितरो की कृपा दिलाने वाले उपाय के ऊपर बात की है. पितृपक्ष में श्राद्व का विशेष महत्व होता है इस समय किए गए सही दान से पितरों क कृपा बनी रहती है, खासकर तिल का दान करने से पितरों की कृपा मिलती है.

1- तिल दान- पितृपक्ष में होने वाले श्राद्ध में ‌काले तिल का बहुत ही महत्व है. श्राद्ध पक्ष में दान करते वक्त हाथ में काला तिल रखकर दान करना चाहिए. काला तिल भगवान विष्णु को प्रिय है.
2- अन्नदान- इस दान में आप कोई भी दान कर सकते हैं. पूर्ण श्रद्धा से किए गए इस दान से सभी मनोकामनाएं पूरी होती हैं.
3 – वस्त्रदान- पितरे अपने वंशजों से वस्त्र की अपेक्षा रखते हैं. वस्त्र दान से यमदूत का भय भी खत्म होता है.
4 – गौ दान- गौ दान को सभी दानों में श्रेष्ठ माना गया है. श्राद्ध पक्ष में गौ दान सुख और ऐश्वर्य दिलाता है.
5 – गुड़ दान- गुड़ दान से पितर अतिशीघ्र प्रसन्न होते हैं.

पितरों की शांति के लिए हर वर्ष भाद्रपद शुक्ल पूर्णिमा से आश्विन कृष्ण अमावस्या तक के काल को पितृ पक्ष श्राद्ध होते हैं. इस साल पितृपक्ष 9 अक्टूबर तक है और अगले ही दिन से नवरात्र के पवित्र दिन शुरू हो जाएंगे. मान्यता है कि इस दौरान कुछ समय के लिए यमराज पितरों को आजाद कर देते हैं ताकि वह अपने परिजनों से श्राद्ध ग्रहण कर सकें. अब आपको बताती हू कि आपको अपने पितरो को कब श्राद्ध देना चाहिए

सबसे पहले जरुरी है कि पितरों का श्राद्ध मृत्यु तिथि पर ही हो जिन्हे तिथि ना पता हो वो पिता का श्राद्ध अष्टमी के दिन और माता का नवमी के दिन करें जिन परिजनों की अकाल मृत्यु हुई हो यानि किसी दुर्घटना या आत्महत्या के कारण हुई हो उनका श्राद्ध चतुर्दशी के दिन किया जाता है साधु और संन्यासियों का श्राद्ध द्वाद्वशी के दिन किया जाता है. जिन पितरों के मरने की तिथि याद नहीं है, उनका श्राद्ध अमावस्या के दिन किया जाता है. इस दिन को सर्व पितृ श्राद्ध कहा जाता है.

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