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RBI ने कहा, 1000 रुपए के 99% नोट लौट आए: बड़ा सवाल- नोटबंदी पास या फेल ?

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जाली नोट, काला धन और आतंकियों की फंडिंग रोकने के बड़े मकसद से 8 नवंबर, 2016 को 500 और 1000 रुपए के जो पुराने नोट बैन किए थे उनमें 1000 रुपए के 98.7 परसेंट नोट वापस रिजर्व बैंक में आ गए हैं.

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  • Last Updated: August 30, 2017 15:11:20 IST
नई दिल्ली. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जाली नोट, काला धन और आतंकियों की फंडिंग रोकने के बड़े मकसद से 8 नवंबर, 2016 को 500 और 1000 रुपए के जो पुराने नोट बैन किए थे उनमें 1000 रुपए के 98.7 परसेंट नोट वापस रिजर्व बैंक में आ गए हैं.
 
आरबीआई ने अपनी 2016-17 की रिपोर्ट में बताया है कि 1000 रुपए के कुल 632.6 करोड़ नोट मार्केट में थे जिनमें नोटबंदी के बाद 8.9 करोड़ नोट को छोड़कर बाकी सारे नोट लोगों ने बैंक में जमा करा दिए. आरबीआई के इस हिसाब और सरकार के बड़े मकसद को मिलाकर बात करें तो देश में 1000 रुपए की शक्ल में मात्र 8.9 हजार करोड़ रुपया ही काला धन था. 
 
अब क्या ये माना जाए कि नोटबंदी फेल हो गया क्योंकि मार्केट से करीब 99 परसेंट 1000 रुपए के नोट वापस बैंक में आ गए या ये माना जाए कि जाली नोट, काला धन और नक्सलियों-आतंकियों की फंडिंग में इस्तेमाल होने वाला 1000 रुपए का नोट सफेद ही था जिसे लोगों ने बैंक में वापस जमा करा दिया. 500 रुपए के बैन नोट को लेकर इस तरह का स्पष्ट आंकड़ा नहीं आया है.
 
 
सरकार ने 500 और 1000 रुपए के पुराने नोट को बंद करते हुए 500 रुपए का नया नोट जारी किया था जबकि 1000 रुपए की जगह पर 2000 रुपए का नया नोट लाया गया था. आरबीआई ने इस रिपोर्ट में ये भी बताया है कि 31 मार्च, 2017 को मार्केट में पुराने और नए दोनों 500 रुपए के नोट 588.2 करोड़ की संख्या में मौजूद थे. 31 मार्च, 2016 को 500 रुपए के 1570.7 करोड़ नोट मार्केट में थे.
 
आरबीआई ने इस रिपोर्ट में ये बताया है कि बैन किए नोट का वैल्यू करीब 15.5 लाख करोड़ था जिसमें 15.4 लाख करोड़ रुपए वापस बैंकों में लौट आए. इसका सीधा मतलब ये हुआ कि या तो देश में काला धन कम है या काला धन लोगों ने 500 और 1000 रुपए की नोट में नहीं जमा रखा था. 
 
संसद और कोर्ट में भी आरबीआई से वापस आए नोटों का कई बार हिसाब मांगा गया लेकिन अब तक वो यही कहता रहा कि नोट गिने जा रहे हैं. जून में वित्त मंत्री अरुण जेटली ने दावा किया था कि वापस आए एक-एक नोट को बारीकी से देखा जा रहा है कि वो नकली नोट तो नहीं है इसलिए गिनती में समय लग रहा है.
 
 
आरबीआई द्वारा नोटबंदी के आंकड़े जारी करने के बाद वित्त मंत्री अरुण जेटली ने बुधवार शाम प्रेस कॉन्फ्रेंस की. इस दौरान वित्त मंत्री ने नोटबंदी को बेहद सफल करार देते हुए कहा कि नोटबंदी के पीछे सरकार का उद्देश्य लोगों के पैसे जब्त करना नहीं था. उन्होंने कहा कि सरकार का मानना है कि  भारत की अर्थव्यवस्था मुख्य रूप से नगदी व्यवस्था है इसलिए सिस्टम पूरी तरह अलर्ट होना चाहिए. 
 
आरबीआई के आंकड़े जारी होने के बाद से सरकार के नोटबंदी के फैसले पर सवाल उठा रहे विपक्ष को जवाब देते हुए वित्त मंत्री ने कहा कि जिन्होंने काले धन के खिलाफ कोई लड़ाई नहीं लड़ी वो आज नोटबंदी को लेकर भ्रम फैला रहे हैं. उन्होंने कहा कि नोटबंदी के पीछे सरकार का उद्देश्य काले धन को खत्म करने के अलावा देश में डिजिटाइजेशन को बढ़ावा देना भी था. इसके अलावा नोटबंदी के बाद से करदाताओं की संख्या भी तेजी से बढ़ी है. 
 
 
कितने जमा रूपये संदिग्ध हैं इस बारे में सवाल पूछने पर वित्त मंत्री ने कहा कि फिलहाल इस बारे में कोई पुख्ता आकंड़ा नहीं है लेकिन इतना जरूर है कि जिन लोगों ने भी बैंकों में अत्याधिक मात्रा में पैसा जमा कराया, उनकी जानकारी आरबीआई के पास हैं और संदिग्ध लोगों को नोटिस भेजकर पूछताछ की जा रही है. नोटबंदी से क्या काला धन पूरी तरह खत्म हो गया? इस सवाल के जवाब में वित्त मंत्री ने कहा कि ‘मैं ये नहीं कह सकता है कि पूरी तरह काला धन वापस हो गया. लेकिन नोटबंदी ने काले धन को रोकने में बड़ी भूमिका निभाई है.’ 
 
आरबीआई के आंकड़े जारी होने के बाद से सरकार के नोटबंदी के फैसले पर सवाल उठा रहे विपक्ष को जवाब देते हुए वित्त मंत्री ने कहा कि जिन्होंने काले धन के खिलाफ कोई लड़ाई नहीं लड़ी वो आज नोटबंदी को लेकर भ्रम फैला रहे हैं. उन्होंने कहा कि नोटबंदी के पीछे सरकार का उद्देश्य काले धन को खत्म करने के अलावा देश में डिजिटाइजेशन को बढ़ावा देना भी था. उन्होंने ये भी कहा कि नोटबंदी की वजह से आतंकवादियों की कमर टूट गई. इसके अलावा नोटबंदी के बाद से करदाताओं की संख्या भी तेजी से बढ़ी है.  

 

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