नई दिल्ली : कई बार ऐसा होता है कि बच्चों पर कड़ी मेहनत करने के बाद भी बच्चे माता-पिता के हाथ से निकल जाते हैं, कहना माननाछोड़ देते हैं.
बच्चों के भटकने से न सिर्फ
माता-पिता परेशान होते हैं बल्कि बाद में खुद बच्चे को भी इससे परेशानी होती है. बच्चों का भविष्य सही रहे, उज्वल रहे इसके लिए माता-पिता को ही कदम उठाना होता है.
बच्चों की भावनाओं को संवारना माता-पिता का कर्तव्य होता है. इसके लिए बच्चों को समय भी देना होता है. बच्चों के साथ बैठकर उनसे बातें करके ही आप उनकी समस्या को जान पाते हैं.