PM के 50 दिन के मोहलत में 22 दिन बाकी हैं। 50 दिन बाद भी स्थिति सामान्य नहीं हुई तो क्या मोदी जी इस्तीफा देंगे या मुँह छुपाते घूमेंगे?
— Lalu Prasad Yadav (@laluprasadrjd) December 8, 2016
भागते भूत की लँगोटी भली।
नोटबन्दी में मिट्टी पलीत होते देख PM काला धन का आलाप त्याग, अब #CashlessEconomy के पल्लू में छुप रहे हैं।
— Lalu Prasad Yadav (@laluprasadrjd) December 8, 2016
ना प्रधानमंत्री,ना उनके मंत्री,ना आर्थिक सलाहकारों या नीति आयोग को गाँवों की समझ है। ग्रामीणों की व्यथा को समझना तो बहुत दूर की कौड़ी होगी।
— Lalu Prasad Yadav (@laluprasadrjd) December 8, 2016
मोदी जी, देश महानगरों से ही नहीं बना है।आपका यह अर्थव्यवस्था पर थोपा घातक प्रयोग गाँवों में अन्न,जीवन, मृत्यु, भविष्य का प्रश्न बन गया है।
— Lalu Prasad Yadav (@laluprasadrjd) December 8, 2016
मोदी जी जानते हैं कि बमुश्किल 20%भारतीय ही #CashlessTransactions करने की स्थिति में है। ये बस नोटबन्दी के दलदल से ध्यान हटाने का जुमला है
— Lalu Prasad Yadav (@laluprasadrjd) December 8, 2016
जो 90लोग प्रत्यक्ष रूप से नोटबन्दी की भेंट चढ़ गए वे क्या गैर मुल्क़ी थे? उनके परिवार का भार कौन लेगा? PM के पास उनके लिए समय/शब्द भी नहीं?
— Lalu Prasad Yadav (@laluprasadrjd) December 8, 2016