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ओवैसी ने PM मोदी से पूछा- तस्लीमा बहन बन सकती है तो रोहिंग्या मुसलमान भाई क्यों नहीं ?

ऑल इण्डिया मजलिस-ए-इतेहदुल मुसलमीन (AIMIM) प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने म्यामांर के रोहिंग्या मुसलमानों की समस्या पर मोदी सरकार पर जमकर हमला किया है. ओवैसी ने कहा है कि जब देश में तिब्बती शरणार्थी रह सकते हैं तो क्या 40,000 रोहिंग्या मुसलमान नहीं रह सकते.

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  • Last Updated: September 15, 2017 06:37:33 IST

 

हैदराबाद: ऑल इण्डिया मजलिस-ए-इतेहदुल मुसलमीन (AIMIM) प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने म्यामांर के रोहिंग्या मुसलमानों की समस्या पर मोदी सरकार पर जमकर हमला किया है. ओवैसी ने कहा है कि जब देश में तिब्बती शरणार्थी रह सकते हैं तो क्या 40,000 रोहिंग्या मुसलमान नहीं रह सकते. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से सवाल पूछते हुए ओवैसी ने कहा कि जब बांग्लादेशी मूल की लेखिका तस्लीमा नसरीन देश में रह सकती है तो रोहिंग्या मुसलमान क्यों नहीं रह सकते. ओवैसी ने कहा कि जब तस्लीमा आपकी बहन बन सकती है तो रोहिंग्या मुसलमान आपके भाई नहीं बन सकते. क्या ये इंसानियत है, जिनका सब कुछ लूट लिया गया, जिनके मार दिया गया, उससे बचने के लिए वो भारत आते हैं और मोदी सरकार फिर उन्हें वहीं भेजना चाहती है. 
 
ओवैसी ने आगे कहा कि बीजेपी कहती है कि हम सभी रोहिंग्या मुसलमानों को देश से बहार निकलवा देंगे, लेकिन मैं पीएम मोदी से पूछना चाहता हूं कि आप कौन से कानून के तहत देश से बहार निकलवा देंगे. आप मुझे इस मामले से संबंधित एक कानून के बारे में बता दीजिए. 
ओवैसी ने कहा कि पीएम मोदी आप भारत को संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में परमानेंट मेंबर बनवाना चाहते हैं. तो क्या सुपर पॉवर का ये आपका मिजाज होगा कि मासूम रोहिंग्या मुसलमानों को देश से बहार निकलवा दें. रोहिंग्या मुसलमानों के पास यूएन के ह्यूमन राइट्स की रसीद उनके पास है, ऐसे में क्या आपकी हुकूमत उनको देश से बहार निकाल देगी.
 
औवेसी ने तम‍िल शरणार्थ‍ियों का मुद्दा उठाते हुए कहा कि क्‍या तमिलनाडु में आज भी 65,000 तमिल शरणार्थी नहीं रहते. अगर ये झूठ है तो आप मुझे करेक्ट करें. जब उन शरणार्थियों के बारे में रिपोर्ट आई थी कि वह लोग दहशतगर्दी में हिस्सा ले रहे हैं तो उन लोगों को वापस श्रीलंका नहीं भिजवाया गया. उनको एक कैंप से निकालकर दूसरे कैंप में शिफ्ट कर दिया गया.
 
उन्होंने कहा कि क्या हमारे मुल्क में बंगलादेश बनने के बाद चकमा लोग नहीं आए थे. ये लोग आज भी अरुणाचल में रहते हैं. भारत में इतना बड़ा देश है तो 40,000 रोहिंग्या मुसलमानों से क्या हो जाएगा. उन्होंने कहा कि हमने 1 लाख 10 हजार तिब्‍ब‍तियों को अपना दोस्‍त माना, शरणार्थी माना. दलाई लामा को अपना मेहमान बनाया. जम्‍मू में आज भी पाकिस्‍तान से लोग आते हैं. ये लोग 1947, 1965, 1975 में आए तो क्या हमने इनको शरणार्थी नहीं माना. 
 

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