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आखिर क्यों PM मोदी ने वाराणसी के लिए बदला शेड्यूल, ये हैं अंदर की बात

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का गढ़ वाराणसी पूरी पार्टी के लिए नाक का सवाल बन गया है. लिहाजा इसके लिए बीजेपी कोई चांस नहीं लेना चाहती. पार्टी के तमाम कद्दावर नेता और केंद्रीय कैबिनेट के कई बड़े मंत्रियों ने काशी में मोर्चा संभाल रखा है.

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  • Last Updated: March 3, 2017 18:14:39 IST
नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का गढ़ वाराणसी पूरी पार्टी के लिए नाक का सवाल बन गया है. लिहाजा इसके लिए बीजेपी कोई चांस नहीं लेना चाहती. पार्टी के तमाम कद्दावर नेता और केंद्रीय कैबिनेट के कई बड़े मंत्रियों ने काशी में मोर्चा संभाल रखा है.   
 
 
काशी में इज्जत का सवाल है !
काशी वो ज़मीन है जिसके खिसकने से बीजेपी की फजीहत होगी और फिर शहर की तीन सीटों पर जब कांग्रेस से मुकाबला हो तो उसके हाथों मिली हार के बाद पार्टी क्या मुंह दिखाएगी ? इन्हीं सवालों के बीच पीएम मोदी शनिवार से तीन दिनों के लिए वाराणसी में खूंटा गाड़ देंगे. लेकिन किसी भी कीमत पर जीत के लिए पार्टी के साथ ही कैबिनेट के दिग्गज मंत्री वाराणसी के लोगों से संपर्क में हैं. 
 
 
मंत्रियों ने भी डाला डेरा
वाराणसी के मोर्चे को संभालने के लिए मंत्रियों ने भी डेरा डाला हुआ है. इनमें अरुण जेटली, पीयूष गोयल, रविशंकर प्रसाद, स्मृति ईरानी, जे पी नड्डा, धर्मेंद्र प्रधान, मनोज सिन्हा, नरेंद्र सिंह तोमर और राजनाथ सिंह का वाराणसी में आना-जाना लगा हुआ है. इसके अलावा, पार्टी की तरफ से अमित शाह, ओम माथुर, भूपेंद्र यादव, संगठन सचिव सुनील बंसल और राष्ट्रीय सचिव श्रीकांत शर्मा वोटरों को साधने में जुटे हैं.
 
 
नाक का सवाल, लेकिन जीत मुश्किल !
वाराणसी में जीत दर्ज करना बीजेपी के लिए  इतना आसान नहीं होगा. दरअसल, वाराणसी की आठ विधानसभा सीटों में से रोहनिया और सेवापुरी में बीजेपी की सहयोगी अपना दल चुनाव लड़ रही है. बाकी छह पर बीजेपी मैदान में है. बीजेपी को सबसे कड़ी टक्कर पिंडरा, वाराणसी कैंट और वाराणसी दक्षिण में मिल रही है. इन तीनों ही सीटों पर कांग्रेस लड़ रही है और यही बीजेपी के लिए नाक का सवाल बन गया है.
 
 
साल 2014 के बाद से ही लगभग सभी चुनावों में बीजेपी ने कांग्रेस को पटखनी दी है. लेकिन पिंडरा में कांग्रेस के अजय राय को हराना आसान नहीं है. वहीं वाराणसी कैंट में बीजेपी ने सौरभ श्रीवास्तव को मैदान में उतारा है. कार्यकर्ताओं में इस बात को लेकर नाराजगी है कि इससे पहले उनके माता-पिता चुनाव लड़ते रहे और अब पार्टी ने बेटे को टिकट देकर परिवारवाद को बढ़ावा दिया है.
 
 
वाराणसी दक्षिण में बीजेपी ने कांग्रेस से आए दयाशंकर मिश्रा को टिकट दे दिया. इसके बाद सात बार विधायक रहे श्यामदेव राय चौधरी ने टिकट न मिलने पर बगावत कर दी. इन चुनौतियों से निपट कर ही बीजेपी वाराणसी में जीत सकती है.
 
 
PM मोदी वाराणसी दौरा का प्लान
वाराणसी में सामने आ रही चुनौतियों से निपटने के लिए ही पीएम मोदी ने अपना प्लान बदल दिया है. अब पीएम कल सुबह वाराणसी में रोड शो करेंगे. पीएम मोदी के वाराणसी दौरे में आखिरी वक्त में बड़ा बदलाव कर रोड शो का कार्यक्रम रखा गया है. तय कार्यक्रम के मुताबिक पीएम सुबह साढ़े नौ बजे बाबतपुर एयरपोर्ट पर पहुंचने के बाद हेलीकॉप्टर के जरिए बीएचयू में बने हेलीपैड पर पहुंचंगे. 
 
 
इसके बाद बीएचयू के सिंह द्वार से पीएम मोदी का रोड शो निकलेगा. जो रविदास गेट होते हुए लंका पहुंचेगा. यहां से अस्सी घाट के बाद रोड शो का काफिला भदैनी होते हुए सोनारपुरा पहुंचेगा. सोनारपुरा से मदनपुरा और फिर गोदौलिया से पीएम का रोड शो बांसफाटक के रास्ते ज्ञानवापी पहुंचेगा. रोड शो के बाद पीएम मोदी काशी विश्वनाथ मंदिर में दर्शन करने जाएंगे. 
 
 
अंदर की बात
अंदर की बात ये है कि वाराणसी में बीजेपी की नहीं, बल्कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की प्रतिष्ठा भी दांव पर है. वाराणसी लोकसभा के दायरे में आने वाली 5 में से एक भी सीट पर अगर बीजेपी हारी तो विपक्ष इसे मोदी की हार के रूप में ही प्रचारित करेगा. मोदी को उनके चुनाव क्षेत्र में घेरने के लिए कल यानी 4 मार्च को ही राहुल गांधी और अखिलेश यादव का साझा रोड शो भी है. कहीं वाराणसी का चुनावी माहौल बनाने में देरी ना हो जाए. वाराणसी में कांग्रेस और समाजवादी पार्टी को थोड़ी सी भी ढील बीजेपी पर भारी पड़ सकती है, इसीलिए बीजेपी ने मोदी को भी जवाबी रोड शो में उतारने का फैसला किया है.

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