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भूटान ने किया चीन के दावे का खंडन, कहा- जमीन के लिए झूठ न बोले बीजींग सरकार

डोकलाम में भारत के सामने पस्त चीनी सैनिकों की एक और बड़ी फजीहत का सामना करना पड़ सकता है. चीन ने धमकी दी है कि वो कश्मीर और उत्तराखंड में घुसपैठ कर सकता है. चीन के विदेश मंत्रालय से जारी बयान में कहा गया है कि अगर डोकलाम में भारत पीछे नहीं हटा तो उसके सैनिक कश्मीर में या उत्तराखंड के कालापानी इलाके में दखल दे सकते हैं.

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  • Last Updated: August 10, 2017 17:31:15 IST
नई दिल्ली: डोकलाम में भारत के सामने पस्त चीनी सैनिकों की एक और बड़ी फजीहत का सामना करना पड़ सकता है. चीन ने धमकी दी है कि वो कश्मीर और उत्तराखंड में घुसपैठ कर सकता है. चीन के विदेश मंत्रालय से जारी बयान में कहा गया है कि अगर डोकलाम में भारत पीछे नहीं हटा तो उसके सैनिक कश्मीर में या उत्तराखंड के कालापानी इलाके में दखल दे सकते हैं.
 
दरअसल डोकलाम मुद्दे को सुलझाने के लिए भारत ने सुझाव दिया था कि दोनों देश डोकलाम से एक साथ अपनी सेनाएं हटा लें लेकिन जिद्दी चीन ने इस सलाह को मानने से इनकार करते हुए उल्टे धमकी दी है कि अगर चीन की सेना कश्मीर या उत्तराखंड के कालापानी इलाके में घुस जाए तो भारत क्या करेगा ? 
 
 
बता दें कि ट्राई जंक्शन का मतलब है सरहद का वो इलाका जहां तीन देशों की सीमा लगती हो. कश्मीर में पाकिस्तान की मदद से चीन ने पहले से ही भारत की दावेदारी वाले क्षेत्र में घुसपैठ कर रखी है और अब वो उत्तराखंड बॉर्डर पर मौजूद इस कालापानी इलाके पर बुरी नजर डाल रहा है जिसकी सीमा भारत और भूटान के साथ चीन से भी लगती है ठीक डोकलाम की तरह.
 
चीनी अधिकारी वांग वेनली ने कहा है कि इस समय भारत के साथ बातचीत नामुमकिन है. हमारे लोग सोचेंगे कि उनकी सरकार अक्षम है. जब तक भारतीय सेना पीछे नहीं हटती तब तक हमारे बीच कोई स्थायी बातचीत नहीं हो होगी. सीमा पर वर्तमान संकट को खत्म करने का एक ही तरीका है कि भारत सेना डोकलाम से पीछे हट जाए.
 
 
अगर डोकलाम में एक दिन के लिए भी भारत का एक भी सैनिक रहता है तो ये चीन की संप्रुभता और अखंडता का उल्लंघन है और अगर भारत अपने सैनिक नहीं हटाता तो चीन अंतरराष्ट्रीय कानून के मुताबिक कोई भी कार्रवाई कर सकता है यानी सेना का इस्तेमाल भी कर सकता है. दरअसल डोकलाम मुद्दे पर चीन का रुख बताने के लिए उसके सरकारी एसोसिएशन अखिल चीन पत्रकार संघ ने भारत के मीडिया डेलिगेशन को बुलाया था. जिसके सामने वांग वेनली ने ये धमकी भरा बयान दिया.
 
हालांकि डोकलाम को लेकर चीन की सरकार और सेना स्टेट मीडिया के हवाले से शुरू से ही जुबानी हमले करती रही है. बुधवार को चीन के सरकारी अखबार चाइना डेली ने लिखा था कि डोकलाम में अगर भारत ने अपनी सेना को पीछे नहीं किया तो बाद में उसके पास खुद को कोसने के सिवा कुछ नहीं बचेगा. दोनों देशों की सेनाओं के बीच युद्ध का काउंटडाउन शुरू हो चुका है. समय उस दिशा में आगे बढ़ रहा है जहां समाधान का कोई रास्ता नहीं बचेगा.
 
 
बता दें कि पिछले एक महीने में चीन 7 बार ऐसे भड़काऊ बयान दे चुका है….. 
  • 10 जुलाई को चाइना डेली में लेख छपा जिसमें कहा गया- भारत डोकलाम से फौरन सेना हटाए
  • 24 जुलाई को चीन के विदेश मंत्रालय ने कहा- बातचीत की सिर्फ एक शर्त है कि भारत बिना किसी शर्त के डोकलाम से अपने सैनिक हटाए 
  • 25 जुलाई को चीन के विदेश मंत्री वांग यी ने कहा- डोकलाम का हल आसान है.. भारत वहां से अपने सैनिक हटा ले
  • 02 अगस्त को चीन ने 15 पेज का बयान जारी करके कहा था कि भारत ने घुसपैठ की है.. ये भूटान-चीन का मसला है. भारत वहां से सैनिक हटाए
  • 03 अगस्त को चीन का बयान आया कि भारत देर ना करे.. ये समझा जाना चाहिए कि चीन के पास दुश्मन को हटाने की पूरी काबिलियत मौजूद है
  • 05 अगस्त को चीन के एक एक्सपर्ट ने कहा- भारतीय सैनिकों को हटाने के लिए 2 हफ्तों में छोटा सैन्य ऑपरेशन किया जा सकता है
  • 07 अगस्त को पीएलए के सीनियर कर्नल ली ने कहा- अगर भारत जंग से बचना चाहता है तो उसे डोकलाम से फौरन अपने सैनिक वापस बुला लेना चाहिए
डोकलाम विवाद पर भारत का रुख दुनिया के सामने है भारत आपसी बातचीत से मुद्दा सुलझाना चाहता है पर चीन बार बार धमकी देकर अपनी बौखलाहट उतार रहा है. पिछले एक महीने में चीन की ओर से 8 बार ऐसे भड़काऊ बयान सामने आ चुके हैं. चीन की सेना, उसके रक्षा मंत्रालय और विदेश मंत्रालय के साथ-साथ चीन की सरकारी मीडिया भी बार बार भारत के खिलाफ आग उगल रही है.
 
जहां तक भारत का सवाल है तो सरकार का साफ-साफ कहना है कि डोकलाम में हमारी सेना नो वॉर नो पीस मोड में है यानी न जंग की सूरत है और ना ही शांति की. अब चीन को तय करना है कि वो डोकलाम में शांति चाहता है या जंग.
 
 
भारत तो हमेशा से अपने पड़ोसी देशों के साथ शांतिपूर्ण संबंध चाहता रहा है पर शायद चीन को अमन-चैन की बात समझ में नहीं आती. तभी तो वो आए दिन झूठे दावे करता रहता है. अभी हाल ही में चीन ने कहा था कि भूटान ने डोकलाम को चीन का हिस्सा मान लिया है लेकिन भूटान ने चीन के दावे का पुरजोर खंडन करते हुए साफ कर दिया है कि चीन कैसे झूठे दावे कर रहा है. 

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